‘घटना दुखद और मर्माहत करने वाली’
सीएम ने कहा कि हमने पहले से इतने श्रद्धालुओं के आने के बारे में रणनीति बनाई थी। एहतियात के तौर पर मंगलवार को कई विभागों के प्रमुख सचिव भी प्रयागराज भेजे थे। कल शाम 7 बजे से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज जाकर स्नान कर रहे थे और तमाम ब्रह्म मुहूर्त का इंतजार कर रहे थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा इसी दौरान अखाड़ा मार्ग स्थित संगम तट पर हुआ, जिसमें 90 से ज्यादा लोग गंभीर या सामान्य घायल हो गए। यह हादसा भारी भीड़ के द्वारा अखाड़ा मार्ग के बैरिकेडिंग तोड़ने और उससे कूदकर जाने से हुआ, जिसमें 30 लोगों की दुखद मृत्यु हुई और 36 घायलों का इलाज जारी है। घटना दुखद और मर्माहत करने वाली है।
सभी अखाड़ों और संस्थाओं का मिला सहयोग
हम रात से ही मेला प्राधिकरण, प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के संपर्क में हैं। जितनी भी व्यवस्थाएं हो सकती थीं, उन सबको वहां तैनात किया गया था। हादसे के तुरंत बाद राहत कार्य शुरू कर दिए और सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। दुर्भाग्य से इस दौरान जो घटनाएं हुईं, उन पर प्रश्न उठना स्वाभाविक है। महाकुंभ का मुख्य स्नान होने की वजह से प्रयागराज में दबाव बहुत ज्यादा था। सभी मार्ग चोक थे। हादसे के बाद वहां अखाड़ों ने अमृत स्नान ब्रह्म मुहूर्त की जगह अपराह्न में शुरू किया। सभी अखाड़ों और संस्थाओं ने इसमें पूरा सहयोग किया। सीएम ने घटना में मृत लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की
प्रयागराज में आज 8 करोड़ श्रद्धालुओं का दबाव था। आसपास के जिलों में भी होल्डिंग एरिया बनाकर लोगों को रोका गया था, जिन्हें अखाड़ों का स्नान संपन्न होने के बाद जाने दिया जा रहा है। कई मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई, जिनकी संख्या 300 से अधिक थी। आठ हजार से अधिक बसें चल रही हैं। पीएम समेत तमाम केंद्रीय मंत्रियों का सहयोग भी हमें मिलता रहा। सीएम ने इस दुखद घटना में मृत लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की और परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इस दौरान मुख्यमंत्री का गला रुंध गया और वह रुआंसे हो गए।