29 जनवरी को हुई थी भगदड़
इससे पहले, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर दूसरे अमृत स्नान के दौरान महाकुंभ मेला क्षेत्र में भगदड़ मच गई थी। अप्रत्याशित भीड़ के दबाव के कारण अखाड़ा मार्ग की बैरिकेडिंग टूट गई, जिसके बाद जमीन पर लेटे और बैठे श्रद्धालुओं पर बाकी श्रद्धालुओं की भीड़ चढ़ गई। इसके बाद लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए भागने लगे। इस दर्दनाक घटना में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। घायलों का इलाज जारी है। यह जानकारी बुधवार देर शाम एक प्रेस कांफ्रेंस में डीआईजी वैभव कृष्ण और मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने दी।
19 जनवरी को भी लगी थी आग
इससे पहले, 19 जनवरी को महाकुंभ मेला क्षेत्र में एक और आग लगने की घटना हुई थी। शास्त्री ब्रिज के पास सेक्टर 19 में स्थित गीता प्रेस के कैंप में आग लगी, जिससे करीब 180 कॉटेज जलकर राख हो गए। इन कॉटेजों में रखे 13 एलपीजी सिलिंडर भी आग की चपेट में आकर फट गए, जिससे अफरातफरी मच गई। इस हादसे में पांच बाइकें और पांच लाख रुपये की नकदी भी जल गई। मेला प्रशासन के अनुसार, आग की चपेट में आने से 40 झोपड़ियां और 6 टेंट भी जलकर नष्ट हो गए थे।