कैसा होगा ड्रेस कोड? पुरुष भक्त: केवल धोती पहनकर ही पूजन-अभिषेक कर सकेंगे। साथ में कुर्ता या शर्ट पहनने की अनुमति होगी। महिला भक्त: केवल साड़ी या सलवार-सूट में ही मंदिर परिसर में पूजन की अनुमति होगी।
पाबंदी: जींस, पैंट, स्कर्ट जैसे आधुनिक वस्त्रों में आने पर पूजन-अभिषेक की अनुमति नहीं होगी। मंदिर प्रशासन ने इस नियम को धार्मिक परंपराओं की मर्यादा बनाए रखने के उद्देश्य से लागू करने का निर्णय लिया है। सभी पुजारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इस नियम का सख्ती से पालन कराएं।
भक्तों के लिए होगी निशुल्क धोती की व्यवस्था यदि कोई भक्त धोती पहनकर मंदिर नहीं पहुंचता है, तो मंदिर प्रशासन द्वारा निशुल्क धोती उपलब्ध कराई जाएगी। पूजन-अर्चन के बाद उसे मंदिर को लौटा देना होगा। इससे सुनिश्चित किया जा सकेगा कि हर श्रद्धालु वैदिक नियमों के अनुरूप आराधना कर सके।
महंत का बयान: परंपरा के अनुरूप हो पूजा मंदिर के महंत ब्रह्मचारी श्रीधरानंद महाराज ने बताया कि “पूजन-अर्चन में वस्त्रों का विशेष महत्व होता है। परंपरागत मान्यताओं के अनुसार बिना सिले वस्त्र — जैसे धोती — को शुद्ध और पूज्य माना गया है। यह नियम न केवल श्रावण मास तक सीमित रहेगा, बल्कि भविष्य में भी निरंतर प्रभावी रहेगा।”
सावन में उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान शिव को समर्पित यह प्राचीन मंदिर श्रावण मास में श्रद्धालुओं से भरा रहता है। विशेष रूप से सोमवार को यहां भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं। मान्यता है कि श्री मनकामेश्वर मंदिर में पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से पूजन करने से भगवान शिव भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।