scriptहत्या के दोषी को 30 साल बाद भी नहीं मिली राहत, हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा बरकरार रखी, गिरफ्तारी का आदेश | Murder convict did not get relief even after 30 years, High Court upheld life imprisonment sentence, ordered arrest | Patrika News
प्रयागराज

हत्या के दोषी को 30 साल बाद भी नहीं मिली राहत, हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा बरकरार रखी, गिरफ्तारी का आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 43 साल पुराने एक हत्या के मामले में दोषी को राहत देने से इनकार करते हुए उसकी उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि आरोपी की अनुपस्थिति में भी अपील पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जा सकता है। साथ ही इटावा के सीजेएम और एसएसपी को आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया गया है।

प्रयागराजApr 15, 2025 / 02:40 pm

Krishna Rai

High Court: यह फैसला न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिरला और न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार गिरि की खंडपीठ ने सुनाया। मामला इटावा के लक्ष्मण से जुड़ा है, जिसने सत्र अदालत के 1983 में दिए गए सजा के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अदालत ने अपील खारिज करते हुए कहा कि गवाहों की संख्या नहीं, बल्कि उनके बयान की विश्वसनीयता मायने रखती है। भले ही अभियोजन ने केवल दो चश्मदीद गवाह पेश किए, लेकिन उन्होंने घटना की पुष्टि की और प्रकाश के स्रोत को भी प्रमाणित किया।
कोर्ट ने इस दलील को भी खारिज कर दिया कि हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद नहीं किया गया। अदालत ने माना कि आरोपी घटना के बाद तीन महीने फरार रहा और आत्मसमर्पण के बाद सीधे जेल भेजा गया, जिससे पुलिस को हथियार बरामद करने का मौका नहीं मिला।
घटना 25 अक्टूबर 1982 की रात की है, जब फफूंद थाना क्षेत्र में गांव के चौकीदार कुंजी लाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के भतीजे श्याम लाल ने लक्ष्मण और शिवनाथ उर्फ कैप्टन सहित चार अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। जांच में सामने आया कि मृतक चौकीदार पुलिस को इन अपराधियों की गिरफ्तारी में सहयोग कर रहा था, जिससे नाराज होकर हत्या की गई।
शिवनाथ पुलिस मुठभेड़ में मारा गया, जबकि लक्ष्मण ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने 15 फरवरी 1983 को लक्ष्मण के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। 30 जुलाई 1983 को इटावा की सत्र अदालत ने उसे उम्रकैद और 5000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। अब 30 साल तक फरार रहने के बावजूद हाईकोर्ट ने उसकी सजा को सही ठहराया और गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए।

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