लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन: चंद्रशेखर आजाद
प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि सरकार के दबाव में उन्हें पीड़िता से मिलने नहीं दिया जा रहा जो उनके संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने प्रशासन के समक्ष दो विकल्प रखे या तो उन्हें सीमित संख्या में पीड़िता के गांव जाने की अनुमति दी जाए या फिर पीड़िता के परिजनों को प्रयागराज सर्किट हाउस लाया जाए ताकि वे वहां मिल सकें।
सर्किट हाउस पर है भारी सुरक्षा बंदोबस्त
प्रशासन की सख्ती को देखते हुए सर्किट हाउस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया लेकिन चंद्रशेखर आजाद और उनके समर्थक अपनी मांग पर डटे हैं। समर्थकों का कहना है, “अगर हम एक पीड़ित परिवार से नहीं मिल सकते, तो फिर लोकतंत्र का मतलब क्या है?” बिना मुलाकात किए लौटेंगे नहीं: आजाद समाज पार्टी
आजाद समाज पार्टी ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा, “हम तब तक वापस नहीं जाएंगे जब तक परिवार से मुलाकात नहीं हो जाती। हम पीड़ित परिवार की पीड़ा को समझेंगे और उनके लिए लड़ेंगे।” पार्टी ने यह भी कहा कि वे प्रशासन से किसी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे जो इस मुलाकात को रोकता हो।
पार्टी ने आगे लिखा, “आज जो अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे सत्ता कुचलना चाहती है। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। हम संविधान, न्याय और भाईचारे के लिए लड़ते रहेंगे। चाहे हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को गिरफ्तार किया जाए या डराया जाए, हम नहीं रुकेंगे। हम हर गांव शहर तक न्याय का संदेश लेकर जाएंगे।”