तो अब सुलझ गया मुखिया का विवाद
इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा, “हमारे यहां यह परंपरा है कि जो पंच के अनुकूल होता है, उसकी ही नियुक्ति होती है। इसी तरह नए महंत की नियुक्ति की गई है। हमारे यहां जो पंच होते हैं, जितने भी साधु-संत, महात्मा हैं, बड़े अखाड़े में चार मुखिया महंत होते हैं। पिछले कुछ दिनों से विवाद जारी था, उसमें चार मुखिया में से एक को हटाया गया था। उनकी जगह पर आज रामनौमी दास को नियुक्त किया गया है। इस पर हमारा समाज काफी खुश हैं। वह बहुत ही अच्छे और सबको लेकर चलने वाले महंत हैं।” क्या है नियुक्ति की प्रक्रिया
रवींद्र पुरी ने कहा, “हमारे यहां पंच द्वारा प्रस्ताव पारित करने का नियम है। प्रस्ताव होने के बाद नियुक्ति होती है। नियुक्ति होने के बाद हमारे यहां विधि विधान से हवन आदि होता है, पूजा होती है। उसके बाद चादर विधि होती है और फिर राज अभिषेक होता है। इसके बाद उनको बाद में जो कार्य होगा उसका चार्ज दिया जाता है।”
आपको बता दें कि पट्टाभिषेक में सभी 13 अखाड़ों के संत आमंत्रित होते हैं और इसे पर्व की तरह से बड़े खास तरीके से मनाया जाता है। यह हमारे लिए इतिहास का विषय भी होता है। रामनौमी दास बाल्यावस्था से संत हैं और संत समाज में उनका खास सम्मान है।”
नए मुखिया महंत महामंडलेश्वर रामनौमी दास ने क्या कहा
मीडिया से बात करते हुए महंत महामंडलेश्वर रामनौमी दास ने कहा, “आज पंच परमेश्वर ने मुझे जिस सेवा के लिए नियुक्त किया है, उसके लिए मैं इनका धन्यवाद अदा करता हूं। संत के तौर पर हमारी प्राथमिकता अपने अखाड़े की मर्यादा और उसके कार्यों को आगे बढ़ाने की होगी।”