मेजा ब्लॉक के ग्राम भटौती स्थित गौ-आश्रय स्थल में अव्यवस्थाएं मिलने पर डीएम प्रयागराज द्वारा ग्राम सचिव को निलंबित कर ग्राम प्रधान का खाता फ्रीज किया गया। साथ ही गौपालक को हटाकर नया गौपालक नियुक्त करने तथा चौकीदार की सेवा समाप्त कर दी गई है। साथ ही खंड विकास अधिकारी, उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी और एडीओ पंचायत को प्रतिकूल प्रविष्टि देने और एक वेतन वृद्धि रोके जाने के निर्देश दिए गए।
08 जून तक सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का अल्टीमेटम जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार माँदड़ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 08 जून तक सभी गौशालाओं में मानक के अनुसार व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं। निर्धारित तिथि के बाद यदि किसी भी स्थल पर खामियां पाई गईं, तो संबंधित अधिकारियों पर सामूहिक जिम्मेदारी तय करते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने चेताया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता क्षम्य नहीं होगी।
व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए सीसीटीवी और नोडल अधिकारी तैनात बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सभी स्थायी गौशालाओं में पक्की चारदीवारी, अस्थायी गौशालाओं में पिलर व जाली की बैरिकेटिंग, और गेट की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाएगी। गौवंशों के लिए छायादार शेड, बीमार पशुओं के लिए पृथक स्थान, और गौवंशों की मृत्यु पर विधिवत अंतिम क्रिया का पालन अनिवार्य होगा।
जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार माँदड़ ने सीसीटीवी कैमरे लगवाकर उनकी जिला स्तर से निगरानी करने के निर्देश दिए, साथ ही हर गौशाला में एक नोडल अधिकारी की साप्ताहिक तैनाती की व्यवस्था की जाएगी जो रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करेंगे।
गोवंशों के लिए चारे की व्यवस्था पर विशेष जोर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि गौशालाओं में चुनी-चोकर, भूसा व हरे चारे की मानक अनुसार मात्रा और समय का विवरण स्थायी रूप से दीवार पर पेंट करवाया जाए। जहां भूमि उपलब्ध हो वहां हरे चारे की बुवाई, और जहां संभव न हो, वहां साइलेज की व्यवस्था की जाए। जरूरत पड़ने पर हरा चारा क्रय भी किया जाए।
गौपालकों की जवाबदेही तय, रिकॉर्ड का अभिलेखीयकरण अनिवार्य बैठक में स्पष्ट किया गया कि यदि कोई गौपालक लापरवाही बरतता है या अयोग्य पाया जाता है, तो उसे तत्काल हटाया जाए। गौशालाओं से जुड़े सभी विवरणों का अभिलेखीयकरण किया जाए, और प्रत्येक स्थल पर गौवंश की संख्या वास्तविकता के अनुसार दर्शाई जाए, अन्यथा गौवंश संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की पहचान और सुरक्षा की योजना आगामी वर्षा ऋतु को देखते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि संभावित बाढ़ प्रभावित गौशालाओं की पहचान कर प्रमाणित सूची तैयार की जाए। किसी गौशाला में पानी भरने की स्थिति में संबंधित वीडीओ के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
उपस्थित रहे ये अधिकारीगण इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह, जिला विकास अधिकारी भोलानाथ कनौजिया, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. शिवनाथ, जिला पंचायतीराज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी, सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।