देवरी गांव के ग्राम सचिव को निलंबित कर दिया गया।
ग्राम प्रधान के अधिकारों को भी निलंबित कर दिया गया।
गायों की देखभाल में तैनात गोपालकों की सेवा समाप्त करने का आदेश भी जारी किया गया।
डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कार्रवाई एक नजीर है ताकि भविष्य में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी अपने कर्तव्यों में लापरवाही न बरते। उन्होंने दो टूक कहा, “कार्रवाई ऐसी होनी चाहिए जो दूसरों के लिए सबक बने। प्रशासनिक जिम्मेदारियां पूरी ईमानदारी और संवेदनशीलता से निभाई जानी चाहिए।”
इस अप्रत्याशित और कठोर कार्रवाई से जिले के अन्य ब्लॉकों और विभागों में भी चेतावनी भरा संदेश गया है। लापरवाह और भ्रष्ट आचरण पर प्रशासन की ‘ज़ीरो टॉलरेंस नीति’ एक बार फिर उजागर हो गई है।
देवरी गोशाला में पशुओं की उपेक्षा पर जिला प्रशासन की यह कार्रवाई जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेने और तत्काल प्रभावी निर्णय लेने का उदाहरण है। जिलाधिकारी की इस सक्रियता को लेकर आमजन में संतोष, और अधिकारियों में सतर्कता का माहौल बना है।