scriptप्रयागराज डबल मर्डर: ‘बचाओ-बचाओ…जल्दी आओ’, बेबस होकर चीखती रही मीना, इलेक्ट्रीशियन बनकर आए कातिल ने ली जान | Prayagraj Double Murder: 'Save me, save me...come quickly', Meena kept screaming helplessly, the murderer disguised as an electrician took her life | Patrika News
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प्रयागराज डबल मर्डर: ‘बचाओ-बचाओ…जल्दी आओ’, बेबस होकर चीखती रही मीना, इलेक्ट्रीशियन बनकर आए कातिल ने ली जान

“बचाओ, हमें अस्पताल ले चलो…” ये आखिरी शब्द थे मीना के। प्रयागराज में हुए दोहरे हत्याकांड ने इलाके में दहशत फैला दी है। मीना और उनके पति अरुण ने एक इलेक्ट्रीशियन बनकर आए कातिल के हाथों अपनी जान गंवा बैठे। जानिए क्या है इस हत्याकांड का पूरा सच।

प्रयागराजApr 29, 2025 / 03:19 pm

Prateek Pandey

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प्रयागराज डबल मर्डर केस

प्रयागराज डबल मर्डर: ‘बचाओ-बचाओ…जल्दी आओ’, बेबस होकर चीखती रही मीना, इलेक्ट्रीशियन बनकर आए कातिल ने ली जान प्रयागराज के नैनी क्षेत्र स्थित एडीए कॉलोनी में उस समय सनसनी फैल गई जब दिनदहाड़े एक बुजुर्ग दंपती की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मृतकों की पहचान 66 वर्षीय अरुण कुमार श्रीवास्तव और उनकी 60 वर्षीय पत्नी मीना श्रीवास्तव के रूप में हुई है। अरुण श्रीवास्तव ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (TCI) से सेवानिवृत्त अधिकारी थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हत्या एक युवक ने की जो इलेक्ट्रीशियन बनकर उनके घर में घुसा था।

कैसे हुआ हत्याकांड?

पुलिस सूत्रों की मानें तो आरोपी ने बिजली सुधारने के बहाने पहले सुबह करीब 11:48 बजे घर में प्रवेश किया और थोड़ी देर बाद चला गया। फिर दोपहर 1:30 बजे वह दोबारा आया और लगभग दो घंटे तक घर में मौजूद रहा। उसके बाद लगभग 3:30 बजे वह मुंह पर गमछा बांधकर बाहर निकल गया। ये सारी गतिविधियां घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गईं, जिससे पुलिस को जांच में अहम सुराग मिले हैं।
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तीन लोगों को हिरासत में

वारदात की जानकारी मिलते ही यमुनानगर डीसीपी विवेक चंद यादव, करछना एसीपी और नैनी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल की गहन जांच की और कई साक्ष्य एकत्र किए। पुलिस ने त्रिवेणी नगर क्षेत्र से एक इलेक्ट्रीशियन सहित तीन युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। आशंका है कि इनमें से कोई मुख्य आरोपी हो सकता है।

अरुण की बहन से हुई थी आखिरी बात

अरुण और मीना अपने घर में अकेले रहते थे। उनके चार बच्चे हैं – तीन बेटियां जिनकी शादी हो चुकी है और एक बेटा मनीष, जो रीवा (मध्य प्रदेश) में भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत है। सोमवार की दोपहर तक सब कुछ सामान्य था। दोपहर करीब 1:11 बजे अरुण की बहन सुधा से उनकी फोन पर लंबी बातचीत हुई थी। बहन ने बताया कि कॉल के दौरान मीना भी बीच-बीच में बातें कर रही थीं। लेकिन लगभग 4 बजे एक रिश्तेदार ने सुधा को फोन कर भयानक खबर दी।
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बचाओ, हमें अस्पताल ले चलो…

घटना की जानकारी तब हुई जब मकान के ऊपर रहने वाले किरायेदार ने देखा कि मुख्य दरवाजे की कुंडी बाहर से लगी है। उसे शक हुआ और जब वह ऊपर पहुंचा तो देखा कि अरुण और मीना अपने कमरे में खून से लथपथ पड़े हैं। मीना उस वक्त जीवित थीं और दर्द में कराह रही थीं, जबकि अरुण की मौत मौके पर ही हो चुकी थी। मीना ने अंतिम सांस लेने से पहले किरायेदार से गुहार लगाई, “बचाओ, हमें अस्पताल ले चलो…” लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।

हत्या का मकसद क्या?

जांच में पता चला है कि दोनों की हत्या अलग-अलग हथियारों से की गई। अरुण पर धारदार हथियार से सिर के पीछे वार किया गया, जबकि मीना पर किसी भारी वस्तु से हमला किया गया। यह भी सामने आया कि घटना के बाद घर की अलमारी का लॉकर खुला मिला, जिससे लूटपाट की आशंका जताई जा रही है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी ने सुनियोजित तरीके से वारदात को अंजाम दिया है। उसका मकसद केवल लूट नहीं, बल्कि शायद हत्या भी पहले से तय थी। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि आरोपी ने पहचान छुपाने के लिए मुंह पर गमछा बांध रखा था। पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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