अब तक सात करोड़ रुपये खर्च कर सड़कें तैयार की जा चुकी हैं, और 20 करोड़ की लागत से सड़क व जल निकासी से जुड़ा काम प्रगति पर है।
पीडीए के मुख्य अधिशासी अभियंता कौशलेंद्र चौधरी के मुताबिक, “यह टाउनशिप पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगी और लोगों को एक सुनियोजित, स्वच्छ और उन्नत जीवनशैली प्रदान करेगी।”
प्रधानमंत्री आवास योजना से भी उम्मीदों को पंख नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) भी गरीब और बेघर परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत प्रयागराज में आवास उपलब्ध कराने में जुटा है। अब तक 60 हजार आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
इनमें से 14 हजार आवेदनों की जांच पूरी की जा चुकी है, जिनमें करीब 7 हजार लोग पात्र पाए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, यह संख्या और बढ़ सकती है।
डूडा की परियोजना निदेशक प्रतिभा श्रीवास्तव ने बताया, “जांच प्रक्रिया जारी है और जितने भी पात्र व्यक्ति सामने आएंगे, उन्हें नियमानुसार आवास प्रदान किए जाएंगे।”
बीते वर्ष 26,437 जरूरतमंदों को घर मिल चुका है, जिससे इस योजना को लेकर लोगों की उम्मीदें और भी मजबूत हुई हैं।
आवास विकास परिषद और ग्राम पंचायतें भी कर रहीं योगदान आवास विकास परिषद भी नैनी क्षेत्र में एक नई प्लॉटिंग योजना पर कार्य कर रही है, जिससे करीब 2,000 परिवारों को सीधे आवासीय प्लॉट मिल सकते हैं।
वहीं प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना के माध्यम से 16 से 20 हजार और घर आवंटित किए जाने की संभावना है।
जिला पंचायत राज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी के अनुसार, “ग्राम पंचायतों के माध्यम से पात्र लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें आवास मुहैया कराया जाएगा। भले ही अंतिम संख्या सूची के बाद स्पष्ट हो, लेकिन यह तय है कि जिले में बड़े पैमाने पर आवास का वितरण होने जा रहा है।”
‘हर परिवार को छत’ की ओर बड़ा कदम 75 लाख की आबादी वाले प्रयागराज में अब हजारों लोगों का ‘पक्का घर’ का सपना साकार होने जा रहा है। सरकार, प्राधिकरण और ग्राम पंचायतों का यह समन्वित प्रयास बेघर लोगों के जीवन में स्थायित्व और सम्मान लाने वाला साबित होगा।
आने वाले महीनों में संगम नगरी की पहचान केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि सुनियोजित शहरी विकास के रूप में भी होगी।