शुक्रवार की सुबह से ही सेक्टर 1 के एंट्री पॉइंट से श्रद्धालुओं का जाता संगम की ओर बढ़ने लगा जो लगातार रुकने का नाम नहीं लिया इस दौरान लोगों से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि 144 साल बाद यह अवसर आया है हम लोग 6 से 7 किलोमीटर पैदल चलकर के पहुंच रहे हैं और बड़ी ही खुशी और उत्साह के साथ हम लोग गंगा मैया में स्नान करेंगे और पूजा अर्चना करेंगे।
उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद से पहुंचे श्री राम जयसवाल ने बताया कि यह सनातन का सबसे बड़ा उत्सव है यहां पर आस्था भक्ति के साथ-साथ समानता दिखती है घाटों पर कोई भी कहीं भी स्थान कर सकता है किसी जाति विशेष या बड़े के लिए कोई घाट नहीं बना है सब कुछ यहां पर एक समान दिखता है वही मौनी अमावस्या की रात की भगदड़ के बारे में पूछने पर श्री राम बताते हैं कि वह घटना बहुत ही दुखदाई रहा मैं मृतक आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं साथ ही साथ प्रशासन ने जो लापरवाहियां भर्ती थी उम्मीद है अब सुधार लिया होगा उसे दिन प्रशासन व्यवस्थित तरीके से भीड़ को संचालित किया होता तो भगदड़ नहीं मची होती वही सिर्फ कहते हैं कि मेले में साफ सफाई और अन्य व्यवस्थाएं तो बेहतर है लेकिन भगदड़ बचने के बाद लोगों में थोड़ा सा भाई प्राप्त हुआ है लेकिन अभी भी जो उत्साह है वह त्रिवेणी में स्नान करने का किसी का काम नहीं हुआ है