script‘निजी अंग छूना और पायजामा का नाड़ा तोड़ना रेप नहीं है’, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राम मनोहर मिश्रा ने की टिप्पणी | Touching private parts and breaking the pyjama cord is not rape Justice Ram Manohar Mishra of Allahabad High Court | Patrika News
प्रयागराज

‘निजी अंग छूना और पायजामा का नाड़ा तोड़ना रेप नहीं है’, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राम मनोहर मिश्रा ने की टिप्पणी

‘निजी अंगों को छूना और पायजामा का नाड़ा तोड़ना रेप नहीं है’। ये मौखिक टिप्पणी है इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राम मनोहर मिश्रा का। राम मनोहर मिश्रा की इस हालिया टिप्पणी ने देश में बहस छेड़ दी है। उन्होंने एक मामले में कहा कि स्तन छूना और पायजामा का नाड़ा तोड़ना रेप नहीं है।

प्रयागराजMar 20, 2025 / 07:24 pm

Prateek Pandey

allahabad high court
‘पीड़िता के निजी अंगों को पकड़ना और उसकी पायजामे की डोरी तोड़ना बलात्कार या बलात्कार के प्रयास की श्रेणी में नहीं आता’। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक नाबालिग लड़की से कथित बलात्कार के पॉक्सो (POCSO) मामले में यह टिप्पणी की।

किस मामले पर आया है जस्टिस मिश्रा का ये बयान

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की एकल पीठ ने कासगंज स्थित विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो कोर्ट) द्वारा जारी समन आदेश को संशोधित करते हुए नए सिरे से समन जारी करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि बलात्कार के आरोप में जारी समन कानूनी रूप से उचित नहीं है। आरोपी पवन और आकाश पर आरोप है कि उन्होंने कासगंज में 11 साल की पीड़िता के स्तनों को पकड़ा, उसकी पायजामे की डोरी तोड़ी और उसे पुलिया के नीचे खींचने की कोशिश की। हालांकि एक राहगीर के आ जाने से पीड़िता बचा ली गई और आरोपी मौके से फरार हो गए। यह मामला पटियाली थाना क्षेत्र में दर्ज किया गया था।
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इन धाराओं में दर्ज था मुकदमा

याचिकाकर्ता आकाश, पवन और अशोक को पहले भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 18 के तहत मुकदमे का सामना करने के लिए बुलाया गया था। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि आरोपियों पर पॉक्सो अधिनियम की धारा 9/10 और आईपीसी की धारा 354-बी (अश्लीलता या कपड़े उतारने के इरादे से बल प्रयोग) के तहत मुकदमा चलाया जाए।
मामले पर सुप्रिया श्रीनेत्र का बयान सामने आया है।

अदालत ने आंशिक रूप से आपराधिक पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार करते हुए कहा, “आरोपियों पवन और आकाश के खिलाफ लगाए गए आरोप और मामले की परिस्थितियां इस मामले में बलात्कार के प्रयास का अपराध सिद्ध नहीं करती हैं।” अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपियों पवन और आकाश ने 11 वर्षीय पीड़िता के स्तनों को पकड़ा और आकाश ने उसकी पायजामे की डोरी तोड़ दी और उसे पुलिया के नीचे खींचने की कोशिश की लेकिन राहगीरों/गवाहों के हस्तक्षेप के कारण आरोपी मौके से भाग गए और पीड़िता को छोड़ दिया। इन्होंने बलात्कार का अपराध नहीं किया है।

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