कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर जीवर्धन चौहान ने कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर न केवल एक शासक थी, बल्कि एक प्रेरणादाई व्यक्तित्व थी, जिन्होंने 18वीं सदी में महिलाओं की शक्ति और नेतृत्व का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। देवी अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चांडी गांव में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता मनकोजी शिंदे ने उन्हें शिक्षा और नैतिक मूल्यों का महत्व सिखाया।
CG News: महापौर, एमआईसी व पार्षदगण ने किया शिविर का अवलोकन
CG News: मालोजी राव होलकर से विवाह के बाद में वे होलकर वंश का हिस्सा बनी। पति और ससुर मल्हार राहुल कर की मृत्यु के बाद 1767 में उन्होंने मालवा का शासन संभाला। उस समय एक
महिला का शासक बना असाधारण था, लेकिन अहिल्याबाई ने अपनी बुद्धिमत्ता और दृढ़संकल्प से सभी चुनौतियों को पार किया। कार्यक्रम में एमआईसी सदस्य मुक्तिनाथ बबुआ एवं पार्षद त्रिनिशा चौहान ने भी देवी अहिल्याबाई के जीवन की विरासत, प्रशासनिक कुशलता एवं समाज सुधारो से संबंधित तथ्यों एवं जीवन पर प्रकाश डाला।
इससे पूर्व महापौर चौहान एवं जनप्रतिनिधियों ने देवी अहिल्याबाई होलकर की जीवन वृतांत पर आयोजित फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
कार्यक्रम में पार्षद यादराम पार्षद, अमरनाथ रात्रे, उपयुक्त सुतीक्षण यादव, कार्यपालन अभियंता अमरेश लोहिया सहित निगम के विभाग प्रमुख अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।