इस संबंध में मृतक की बेटी सुकवारा बाई खड़िया ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। रिपोर्ट में वह बताई कि 3 जुलाई को उनके घर के पास संपत खड़िया के यहां छट्ठी कार्यक्रम चल रहा था। इसमें गांव के कई लोग शामिल थे। उसी दौरान रात करीब सात बजे अर्जुन खड़िया और जगन्नाथ खड़िया के बीच हंसी-मजाक में विवाद हो गया।
कार्यक्रम में उपस्थित केन्दाराम खड़िया सहित जवाहर खड़िया, जीवन खड़िया, बुटीलाल और रामकुमार ने दोनों को समझाइश देकर मामला शांत कराया, लेकिन अर्जुन खड़िया गुस्से में वहां से चला गया। कुछ देर बाद अर्जुन तलवार लेकर वापस लौटा और कार्यक्रम में मौजूद लोगों को डराने-धमकाने लगा। केन्दाराम ने उसे फिर समझाया, लेकिन अर्जुन नहीं माना। थोड़ी देर बाद जब केन्दाराम पेशाब करने बाहर गया, तभी अर्जुन ने पीछे से उन पर तलवार से वार कर दिया। इससे मौके पर ही केन्दाराम की मौत हो गई। घटना के बाद अर्जुन तलवार लेकर फरार हो गया।
हमाली का काम करता है आरोपी
मामले में खरसिया पुलिस ने धारा 103 (1) भारतीय न्याय संहिता एवं 25, 27 आर्स एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया। वहीं पुलिस टीम ने आरोपी अर्जुन खड़िया को तत्परता दिखाते हुए पकड़ लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार किया है। पुलिस ने
हत्या में प्रयुक्त तलवार बरामद की। वहीं आरोपी अर्जुन सिंह खड़िया पिता स्व. रावना खड़िया उम्र 26 वर्ष को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है। अर्जुन सिंह खड़िया, हमाली (मजदूरी) का काम करता था, उसका और मृतक केन्दाराम खड़िया का घर समीप है।