SDM suspended: घोटाले में संलिप्त सभी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश
बिना संसाधन के एक फसली भूमि को दो फसली, कच्चे मकान को पक्का, पौधों को वृक्ष बताकर मनमाने रूप से यहां मुआवजे की गणना तत्कालीन अधिकारियो ने किया था। इस मामले में दुर्गेश शर्मा की शिकायत के बाद राज्य स्तरीय टीम की जांच में उक्त तथ्य सामने आए। इसके बाद
राजस्व विभाग के अवर सचिव ने इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए आदेश किया था। करीब साल भर बाद इस मामले में तत्कालीन एसडीएम अशोक मार्बल को निलंबित किया गया है। हालांकि इस मामले में अभी भी पूरी कार्रवाई नहीं हो पाई है। अवर सचिव ने संलिप्त सभी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश किया है।
इसमें जिला प्रशासन ने तत्कालीन एसडीएम अशोक मार्बल व तहसीलदार बंदेराम भगत सहित मूल्यांकन टीम में शामिल 7 अधिकारी कर्मचारी आरआई मूलचंद कुर्रे, पटवारी जितेंद्र पन्ना व परिसंपत्तियों के मूल्यांकन टीम में शामिल वन विभाग के बीट गार्ड रामसेवक महंत, वरिष्ट उद्यानिकी अधिकारी संजय भगत, व लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर धर्मेंद्र त्रिपाठी को दोषी पाया है। जिनके खिलाफ कार्रवाई होना है, लेकिन साल भर में पटवारी व एसडीएम पर ही कार्रवाई हो पाई है। वहीं अन्य अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई लंबित है। यह प्रक्रिया भी आगे बढ़ने की उम्मीद है।
कंपनी के अधिकारियों पर भी उठ रहा सवाल
एक तरफ यह मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है और मूल्यांकन टीम की मनमानी से सीजीपीडीसीएल को करोड़ों रुपए का मुआवजा राशि के रूप में नुकसान हुआ है तो वहीं दूसरी ओर कंपनी इस मामले में बार-बार भू-प्रवेश की अनुमति के लिए आवेदन कर रही है। इसके कारण वर्तमान में १०८ हेक्टेयर का पुर्नमूल्यांकन कर भू-प्रवेश की अनुमति जारी किया गया है। शेष ६८ हेक्टेयर में भी भू-प्रवेश की अनुमति के लिए आवेदन लगाया गया है।
किसानों को जारी किया गया नोटिस
108 हेक्टेयर की पुर्नमूल्यांकन व भू-प्रवेश की अनुमति के बाद घरघोड़ा एसडीएम ने ऐसे किसान जो कि अब तक मुआवजा की राशि नहीं उठाए हैं उनको मुआवजा राशि उठाने के लिए नोटिस जारी गया है। उक्त नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया है कि मुआवजा राशि उठाकर भूमि का अधिपत्य दिया जाए ताकि इसमें खनन की प्रक्रिया शुरू हो सके। वसूली की मांग
SDM suspended: इस मामले में शिकायतकर्ता दुर्गेश शर्मा ने शासन द्वारा
एसडीएम के खिलाफ की गई कार्रवाई का स्वागत किया है, लेकिन अन्य अधिकारी व कर्मचारियो के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही त्रुटिपूर्ण अवार्ड के अनुसार जारी की गई अधिक मुआवजा राशि की वसूली करने व बैंक अकाउंट को सीज करने की मांग भी प्रशासन से की गई है।
एफआईआर की प्रक्रिया भी लटकी
इस मामले में संलिप्त सभी अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ शासन के निर्देश पर तत्कालीन कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने सभी के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के लिए आदेश किया है। इस आदेश को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है अब तक इस मामले में राजस्व विभाग द्वारा न तो थाने को एफआई दर्ज करने के लिए पत्र लिखा गया है न ही दस्तावेज सौंपा गया है।