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तंबाकू का नशा ले जा रहा मौत के करीब! 5 साल में मिले 63 मुख कैंसर के मरीज, 17 की हुई मौत.. वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे 7 जून को मनाया जाएगा। इस मौके पर पत्रिका ने विशेषज्ञों से जाना कि किस तरह मिलावटी चीजें जान की दुश्मन बन रही हैं। डॉक्टरों के अनुसार कैंसर, किडनी, लिवर की बीमारी और अन्य कई गंभीर बीमारियां मिलावटी भोजन के कारण हो सकती हैं। इसके अलावा, मिलावटी भोजन से पाचन समस्याएं, एलर्जी व अन्य कई समस्याएं भी हो सकती हैं।जानकारों के अनुसार, हमें अपने खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता की जांच खुद करनी चाहिए और मिलावटी भोजन करने से बचना चाहिए। दुकान हो या सुपर मार्केट, अच्छी कंपनी के उत्पाद ही खरीेदें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दूषित भोजन से हर साल लगभग 60 करोड़ लोग बीमार पड़ते हैं। यही नहीं, लगभग 4 लाख 20 हजार लोगों की मौत हर साल होती है। छत्तीसगढ़ समेत देश में भी खाद्य सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है, जहां लोगों को अक्सर मिलावटी व दूषित भोजन का सेवन करना पड़ता है।
राजस्थान में हड्डियों से बना रहे थे घी, प्रदेश में ऐसा मामला नहीं डेढ़ दशक पहले राजस्थान में हड्डियों को गलाकर घी बनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। इस तरह का मामला प्रदेश में नहीं आया है। दूध में कई खतरनाक चीचें मिलाई जाती हैं, लेकिन प्रदेश में ज्यादातर पानी मिलाने की पुष्टि हुई है। यूरिया मिलाने की पुष्टि कभी-कभार होती है।
इन बीमारियों का खतरा फूड पाइजनिंग: मिलावटी भोजन में हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस या अन्य रोगाणु हो सकते हैं, जो फूड पाइजनिंग का कारण बनता है। पाचन संबंधी समस्याएं: मिलावटी भोजन में हानिकारक रसायन या अन्य पदार्थ हो सकते हैं। इससे उल्टी-दस्त, पेट दर्द, मरोड़ हो सकता है।
एलर्जी: कुछ मिलावटी पदार्थ एलर्जी का कारण बन सकते हैं। ये त्वचा पर चकत्ते, सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कैंसर: कुछ मिलावटी पदार्थों में कैंसर पैदा करने वाले रसायन हो सकते हैं। इसे लंबे समय तक सेवन करने से कैंसर का कारण बन सकता है।
न्यूरोलॉजिकल समस्याएं: कुछ मिलावटी पदार्थों से न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जैसे कि सिरदर्द, चक्कर आना, मेमोरी लॉस जैसी समस्या हो सकती है। किडनी और लिवर की बीमारी: कुछ मिलावटी पदार्थों में हानिकारक रसायन हो सकते हैं, जो किडनी और लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इस तरह की मिलावट चाय पत्ती: पपीते के बीज, कचरा पत्ती। जीरा: भूसा व मिट्टी। दूध: पानी, यूरिया व पेंट। शहद: शक्कर का घोल व चाशनी। मसाले: मिट्टी, विभिन्न कलर व भूसे।
आटा: बेसन में मटर आटा या अन्य चीजें। कॉफी पाउडर: चक्की की धूल व कलर। पनीर: यूरिया व पावडर दूध। घी: वनस्पति घी व डालडा। मिठाई: आर्टिफिशियल रंग व नकली खोवा।
खाने-पीने की चीजों में मिलावट सेहत के लिए खतरा है। किस ब्रॉन्ड पर विश्वास किया जाए, ये बड़ी सोचने वाली बात बन गई है। चक्की का आटा, हर कोई पिसाकर नहीं खा सकता। इसलिए बड़े ब्रॉन्ड का आटा उपयोग करते हैं।
इसमें भी मैदा मिलाने की शिकायतें आती रही हैं। मसालों से लेकर मिठाइयों, दूध, घी, पनीर में मिलावट हो तो आदमी स्वस्थ कैसे रह सकता है? जरूरी है कि अलर्ट रहकर अच्छी कंपनियों का उत्पाद उपयोग करें। मिलावटी चीजों का लंबे समय तक उपयोग करने से कैंसर का भी खतरा रहता है।
-डॉ. आरके पंडा, एचओडी चेस्ट, आंबेडकर अस्पताल