CG Budget: कई योजनाएं देर हुई शुरू
हालांकि दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना देरी से शुरू हुई। इसके अलावा ऐसी कई योजनाएं हैं, जिसके लागू होने में थोड़ा समय लगा। इसकी वजह से भी बजट खर्च करने की रफ्तार शुरुआती दिनों में कम रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, पहले तीन महीने में बजट का 20.40 फीसदी ही हिस्सा खर्च हो सका है। इसमें पूंजीगत व्यय 10.46 फीसदी ही हो सका था। ठीक इसके विपरीत राजस्व व्यय दोगुने से अधिक हुआ है। पहली तिमाही में राज्य सरकार ने 22.20 फीसदी राजस्व व्यय किया था। इस दौरान ऋण तथा अग्रिम में 8.29 फीसदी ही खर्च हुआ था। जबकि अप्रैल से दिसबर के बीच ऋण तथा अग्रिम में 83.40 फीसदी राशि खर्च हुई थी।
कई योजनाओं में देरी से खर्च हुई राशि
विपक्ष का आरोप है कि राज्य सरकार ने कई योजनाओं में देरी से राशि खर्च की गई है। पूर्व मुयमंत्री भूपेश बघेल के मुताबिक दिसबर तक चना, गुड और शक्कर वितरण में राशि खर्च नहीं हो सकी थी। स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी दिसबर में राशि खर्च नहीं हो सकी थीं। इसके अलावा विधानसभा में यह जानकारी भी सामने आईं थी कि केंद्र सरकार की पालना योजना के तहत में राज्यंश की राशि दिसबर तक खर्च नहीं हो सकी थी।
केंद्रीय करों से मिली 27.55 फीसदी राशि
वर्ष 2024-25 के बजट में केन्द्रीय करों का अनुमानित हिस्सा राशि 44,000.00 करोड़ का प्रावधान है। अक्टूबर से दिसंबर 2024 की अवधि में इस मद में प्राप्तियां 12,120.77 करोड़ की थी, जो कि बजट अनुमान का 27.55 प्रतिशत है। इस वर्ष अप्रैल से दिसंबर 2024 की अवधि में प्राप्त केन्द्रीय करों का हिस्सा गत वर्ष की इसी अवधि में प्राप्त राशि से 20.38 प्रतिशत अधिक था।
खर्च अप्रैल से दिसंबर तक खर्च का प्रतिशत
राजस्व व्यय 57.85 पूंजीगत व्यय 36.50 ऋण एवं अग्रिम 83.40 कुल 54.70