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रायपुर

Patrika Mahila Suraksha: विरोध की सजा.. दुष्कर्म और पिता, पति और भाई के खिलाफ 8 FIR, जानें पूरा मामला..

CG Rape News: रायपुर में एक युवती को अपने पूर्व परिचित युवक की बात नहीं मानने का खामियाजा ऐसा भुगतना पड़ा कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ।

रायपुरFeb 18, 2025 / 08:50 am

Shradha Jaiswal

CG Crime News: विरोध की सजा.. दुष्कर्म और पिता, पति और भाई के खिलाफ 8 FIR, जानें पूरा मामला..
Patrika Mahila Suraksha: नारद योगी. छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक युवती को अपने पूर्व परिचित युवक की बात नहीं मानने का खामियाजा ऐसा भुगतना पड़ा कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ। इसके बाद उनके व परिवार वालों के खिलाफ अलग-अलग जिलों में 8 एफआईआर दर्ज करवाई गई। इसमें युवती और उनके पति, पिता, भाई और परिवार के अन्य सदस्यों को जेल भेजा गया।
अन्याय का यह सिलसिला वर्ष 2019 से शुरू हुआ था। अब तक न्याय नहीं मिल पाया है। दुष्कर्म के आरोपी को निचली अदालत ने सजा दे दी है, लेकिन इस साजिश में शामिल आईपीएस, निरीक्षक और अन्य लोगों पर अब तक कार्रवाई नहीं दिख रही है। मामले में डीजीपी के निर्देश पर एसआईटी भी बनी थी। रायपुर आईजी के नेतृत्व में एसआईटी ने पूरे मामले की जांच की और अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
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Patrika Mahila Suraksha: क्या है मामला…

बिलासपुर निवासी युवती से रायपुर के पीयूष तिवारी खुद को अविवाहित बताते हुए दोस्ती की थी। उसने युवती को शादी करने का आश्वासन दिया था। इसी के चलते युवती का रायपुर आना-जाना होता था। इस दौरान युवती को पता चला कि पीयूष शादीशुदा है। इसके बाद युवती ने उससे संबंध खत्म कर दिया और बिलासपुर चली गई। पीयूष ने उस पर अपने साथ संबंध बनाए रखने के लिए दबाव डाला। इसे युवती ने इनकार कर दिया।
इसके बाद 19 अप्रैल 2018 में इंदौर निवासी युवक से उसकी शादी हो गई। शादी के बाद भी पीयूष ने युवती का पीछा नहीं छोड़ा। पीयूष मौदहापारा के तत्कालीन टीआई राहुल तिवारी से मिलकर युवती और उनके पति, भाई सहित 6 लोगों के खिलाफ 28 अप्रैल 2019 को ब्लैकमेलिंग व अन्य धाराओं में अपराध दर्ज कराया। इस मामले में युवती व अन्य सभी को गिरफ्तार किया गया। किसी तरह से युवती और अन्य जमानत पर छूटे।
इसके बाद पीयूष फिर युवती के पीछे पड़ गया। उसे डरा-धमकाकर अपने साथ रहने के लिए मजबूर करने लगा। इसी 25 अक्टूबर -12 दिसंबर 2019 में युवती को जबरदस्ती अपने साथ ले जाकर राजेंद्र नगर इलाके में दुष्कर्म किया। इसकी शिकायत युवती ने कोतवाली थाने में 3 जनवरी 2020 में दर्ज कराई। पुलिस ने पीयूष के खिलाफ दुष्कर्म, धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में अपराध दर्ज किया।

जहां आईपीएस, वहां एफआईआर

पीडि़ता द्वारा आरोपी पीयूष के खिलाफ दुष्कर्म की एफआईआर कराने के बाद से मामला और बिगड़ता गया। पीयूष की पीएचक्यू में पदस्थ एक आईपीएस से दोस्ती थी। उन्हीं के साथ मिलकर उसने पीडि़ता और उनके परिवार पर एक के बाद एक कुल 8 एफआईआर दर्ज कराई। जहां-जहां आईपीएस पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ होते थे, वहां-वहां एफआईआर हो जाती थी।
मुंगेली में ही पीडि़ता और उसके परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी के 4 अपराध दर्ज कराए गए। इसी तरह दुर्ग के कुम्हारी और भिलाई-3 और बेमेतरा में भी अपराध दर्ज कराया गया। इन 8 एफआईआर में पीडि़ता के अलावा उनके बुजुर्ग पिता और अन्य रिश्तेदारों को आरोपी बनाया गया है। वर्तमान में 8 एफआईआर में से 4 एफआईआर खारिज हो चुकी है। 4 प्रकरण विचाराधीन है।

एसआईटी ने भी पाया आईपीएस, टीआई को दोषी

दुष्कर्म पीडि़ता और उनके परिवार पर लगातार एफआईआर होने की जांच के लिए हाईकोर्ट के निर्देश पर विशेष अनुसंधान टीम (एसआईटी) बनाई गई थी। रायपुर आईजी के नेतृत्व में एसआईटी ने पूरे मामले की जांच की। इसके बाद रिपोर्ट सौंप दिया गया है।
रिपोर्ट में पीडि़ता और उनके परिवार वालों पर झूठी एफआईआर कराने में पीएचक्यू के आईपीएस, तीन टीआई, एक एसआई की भूमिका पाई गई है। उनके खिलाफ विभागीय जांच के लिए लिखा गया है। बताया जाता है कि अब तक विभागीय जांच भी शुरू नहीं हो पाई है। एसआईटी की रिपोर्ट सौंपने के बाद से अब तक मामले आगे कार्रवाई नहीं हुई है।

दो साल लगे थे दुष्कर्म की जांच में

पीडि़ता ने रायपुर के कोतवाली थाने में दुष्कर्म की रिपोर्ट 3 जनवरी 2020 में दर्ज कराई थी। लेकिन पीयूष की उस समय गिरफ्तारी नहीं हुई। उसे 9 नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। आरोपी के खिलाफ चार्जशीट में किसी ने रुची नहीं ली।
इस बीच कोतवाली सीएसपी के रूप में अविनाश ठाकुर की पदस्थापना हुई। उन्होंने ने मामले की जांच की और आरोपी के खिलाफ 7 जनवरी 2022 को चार्जशीट पेश किया। इसी चार्जशीट के आधार पर पीयूष को निचली अदालत में आजीवन कारावस की सजा हुई है।

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