इमरजेंसी में दूसरे थानों के महिला स्टाफ बुलाना पड़ता है। वर्तमान में
रायपुर के केवल दो थानों में महिला थाना प्रभारी हैं। गोलबाजार और महिला थाने में महिला टीआई हैं। इसके अलावा महिला एसआई, एएसआई, हवलदार और सिपाहियों की भी भारी कमी है।
CG News: ऐसे मामलों में ज्यादा परेशानी
अनाचार और छेड़छाड़ व महिला संबंधी अन्य अपराधों में एफआईआर, बयान, पूछताछ महिला हेड कांस्टेबल, एएसआई, एसआई या महिला टीआई ही करती हैं। इनकी अनुपस्थिति में महिला आरक्षक को साथ बैठाकर पुरुष अधिकारी भी एफआईआर ले सकता है। रायपुर जिले के 31 थानों में से 30 थानों में महिला स्टॉफ की कमी है। गिनी-चुनी महिला स्टॉफ से काम चलाया जा रहा है। 30 फीसदी आरक्षण, फिर भी कमी
CG News: पुलिस भर्ती में 30 फीसदी महिला आरक्षण का असर भी नहीं दिख रहा है। आमतौर पर पुलिस विभाग में महिलाएं कम ही आती हैं। करीब 8 साल पहले सरकार ने सरकारी सेवाओं में
छत्तीसगढ़ की महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी। इसके बाद से हुई भर्तियों महिला उम्मीदवार बढ़े हैं, लेकिन फिर भी इनकी कमी है। अलग-अलग थानों में करीब 200 महिला पुलिसकर्मियों की जरूरत है।