CG News: डॉक्टरों को बांटा जाना है 5 करोड़ रुपए
आंबेडकर के डॉक्टरों को ही 5 करोड़ इंसेंटिव के रूप में बांटा जाना है। पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद छत्तीसगढ़ डॉक्टर फेडरेशन ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल व हैल्थ डायरेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला को पत्र लिखकर कहा था कि कोरोनाकाल का इंसेंटिव भी अटका है। इससे डॉक्टर समेत दूसरे स्टाफ में नाराजगी है। उनके पत्र के बाद भी स्वास्थ्य विभाग पर कोई असर नहीं हुआ। चर्चा है कि फंड नहीं होने के कारण डॉक्टर, नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ को इंसेंटिव नहीं दिया जा रहा है। पत्रिका ने 15 मई के अंक में डेढ़ साल से डॉक्टर, नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टॉफ को आयुष्मान भारत का 5 करोड़ इंसेंटिव नहीं मिला शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद ही छत्तीसगढ़ डॉक्टर फेडरेशन ने पत्र लिखकर इंसेंटिव जल्द देने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि 2021 से 2024 तक एक रुपए इंसेंटिव नहीं मिला है। यह प्रोत्साहन राशि है, जिसे दिया जाना चाहिए। आंबेडकर में 2021 व 2022 की एंट्री कर स्टेट नोडल एजेंसी को डेटा भेजा जा चुका है। इसके बाद भी इंसेंटिव देने में लापरवाही की जा रही है।
जूनियर डॉक्टर भी ताक रहे राह
सीजीडीएफ के अध्यक्ष डॉ. हीरा सिंह लोधी व जेडीए नेहरू मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. रेशम सिंह ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में कार्य कर रहे तथा चिकित्सा सेवा में फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस पीजी स्टूडेंट एवं रेगुलर जूनियर डॉक्टरों को इंसेंटिव दिया ही जाना चाहिए। हर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर 24 बाय 7 मरीज के सेवा में लगे रहते है तो इस इंसेंटिव के माध्यम से उनका मनोबल बना रहेगा और चिकित्सा सुविधा जन जन तक पहुंचेगी। इंसेंटिव नहीं मिलने से स्टॉफ हतोत्साहित हो रहा है। अगर इंसेंटिव देने का नियम है तो आखिर इसे चार साल से क्यों रोका गया है। दरअसल पिछली बार डॉटा एंट्री ऑपरेटरों को भी 5-5 लाख इंसेंटिव के रूप में मिले थे।