CG News: कर में छूट के बाद कितना आर्थिक भार..
निकायों को एक फॉर्मेट भेजा है। जिसके अनुसार उद्योगों से मिलने वाले कर और दी जाने वाली छूट का जिक्र करना है। ताकि विभाग यह पता लगा सकें कि उद्योगों को कर में छूट देने के बाद निकायों को कितना आर्थिक भार पड़ रहा है। बताया जाता है कि निकाय क्षेत्र में संचालित उद्योगों से अन्य कमर्शियल मकानों-दुकानों की तुलना में अधिक राजस्व की प्राप्ति होती है। ऐसे में यदि उद्योगों को कर में छूट देने पर कितना राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसकी रिपोर्ट मंगाई गई है। इसके बाद निकायों को दी जाने वाली राशि में बढ़ोत्तरी कर सकें या फिर उद्योगों को कर में दी जा रही छूट को बंद कर पुराने कर के हिसाब से वसूली करने का आदेश जारी किया जा सकता है।
संपत्तिकर वसूली के टारगेट की भी मांगी है जानकारी
जानकारी के अनुसार, चूंकि नगरीय निकाय चुनाव संपन्न हो चुका है। इसलिए अब निकायों को कामकाज में गति लाने के साथ इस वित्तीय वर्ष में राजस्व वसूली पर विशेष ध्यान को कहा गया है, ताकि पिछली साल की तुलना में इस वर्ष 20 से 25 प्रतिशत ज्यादा राजस्व की वसूली हो सकती है। नगरीय प्रशासन ने निकायों से इसकी भी जानकारी मांगी है कि किस-किस मद में कितनी राशि वसूलने का टारगेट गया है। पिछली बार कितनी राशि की वसूली हुई। जिसे किस-किस मद में खर्च किया गया है।