छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र: ठेकेदार कांग्रेस नेता… भाजपा विधायक और डिप्टी CM में तीखी नोकझोंक
CG Winter Session 2024: डिप्टी सीएम (पंचायत ग्रामीण विकास) विजय शर्मा ने विधानसभा में पिछली सरकार के दौरान दंतेवाड़ा में हुए निर्माण कार्यों की जांच की घोषणा की। डीएमएफ से सडक़ निर्माण में करोड़ों की अनियमितता का यह मामला प्रश्न काल में भाजपा के अजय चंद्राकर ने उठाया।
CG Winter Session 2024: विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को दंतेवाड़ा में निर्मित सड़क को लेकर सत्ता पक्ष के बीच ही तीखी बहस देखने को मिली। इस मुद्दे को लेकर डिप्टी सीएम व पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। इस दौरान विधायक चंद्राकर को विपक्ष का साथ भी मिला। इसके बाद विधायक चंद्राकर ने खुलासा किया कि इस सड़क का निर्माण का ठेकेदार कांग्रेस का जिलाध्यक्ष है। विधायक की मांग पर डिप्टी सीएम ने संबंधित ठेकेदार के द्वारा किए अन्य कामों की जांच कराने की भी घोषणा की है।
CG Winter Session 2024: सदन में विपक्ष भी करने लगा हंगामा
भाजपा विधायक चंद्राकर ने प्रश्नकाल में जिला निर्माण समिति दंतेवाड़ा अंतर्गत डीएमएफ मद से स्वीकृत प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत कोरकोट्टी सड़क निर्माण कार्य एवं ग्राम हिरोली से हेल्प सेंटर पहुंच मार्ग का मुद्दा उठाया। उन्होंने भुगतान पर सवाल उठाते हुए डिप्टी सीएम पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाया। इसके बाद सदन में विपक्ष भी हंगामा करने लगा।
हंगामा के बीच डिप्टी सीएम ने बताया कि इस मामले में अफसरों पर की गई कार्रवाई की जानकारी दी। इस बीच विधायक चंद्राकर ने विपक्ष से कहा, अभी बहुत खड़े हो रहे थे। आपको बताता हूं कि ठेकेदार जिला कांग्रेस अध्यक्ष है। यह आपका कारनामा है। उन्होंने पूछा कि क्या उस ठेकेदार के पूरे काम की जांच कराई जाएगी? इस पर डिप्टी सीएम ने सदन में उस जिले में किए जाने वाले और अन्य जिले में किए गए काम की भी जांच कराने की घोषणा की।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, राज्य सरकार को विधेयक में संशोधन का अधिकार है। नेता प्रतिपक्ष चरण महंत ने कहा, यह प्रस्ताव संविधान 243 का उल्लंघन है। इसे संशोधित नहीं किया जा सकता है। सरकार अपनी मनमानी कर रही है। इसके बाद विपक्ष ने बहिर्गमन कर दिया। (Chhattisgarh News) हालांकि बहुमत के आधार पर प्रस्ताव पारित हो गया। इसके बाद अब महापौर, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होगा। वहीं नगरीय निकाय में कार्यकाल पूरा होने पर अब 6 माह तक प्रशासक नियुक्त हो सकेंगे।
सरकारी अस्पताल में फायर ऑडिट
विधानसभा में गुरुवार को प्रदेश में संचालित शासकीय एवं गैर शासकीय अस्पतालों में फायर सेटी की व्यवस्था का मुद्दा प्रमुखता से उठा। भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह के सवालों पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल घिरते नजर आए। विधायक सिंह ने प्रदेश में 2000 रुपए में फायर सेटी आडिट का सर्टिफिकेट बिकने का आरोप लगाया। तीखी बहस के बाद डिप्टी सीएम व गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, इस पर पिछले 5 वर्षों में कुछ नहीं हुआ। आपके ध्यानाकर्षण के बाद इस काम को जरूर किया जाएगा।
प्रश्नकाल में भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने पूछा 30 बिस्तर से अधिक और 9 मीटर ऊंचे कितने सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल है। इस पर मंत्री ने कहा, फायर ऑडिट कराने की जिमेदारी गृह विभाग की है। सरकारी अस्पताल में फायर ऑडिट होता है। इस पर विधायक सिंह ने कहा, हाल के दिनों में सरकारी मेकाहारा और निजी अस्पताल में आगजनी की घटनाएं बढ़ी है। इसकी जांच होनी चाहिए।
सभी को फायर सेटी लगाने के दिए निर्देश
इस पर मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार ने नर्सिंग एक्ट के पंजीयन में फायर सेटी की एनओसी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। उन्होंने बताया कि 1129 निजी अस्पताल है। सभी को फायर सेटी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इस पर विधायक सिंह ने कहा, अस्पताल खुले हैं और उनमें फायर सेटी के इंतजाम नहीं है। हम लोगों को मरने के लिए अस्पताल में नहीं छोड़ सकते।
यह भी पढ़ें: CG Vidhansabha: अनुपूरक बजट में चर्चा के दौरान सदन में जोरदार हंगामा, जमकर हुई नारेबाजी इस पर मंत्री ने कहा, फायर सेटी का आडिट किया जा रहा है। विधायक सिंह ने कहा, अगर काम गृह विभाग का है, तब बिना जांच के आपने लाइसेंस कैसे दिया। सामने गृहमंत्री भी बैठे हैं। दोनों ही मंत्रियों से निवेदन है कि फायर ऑडिट सक्षम अधिकारियों से कराइएगा। इस पर गृहमंत्री ने कार्रवाई करने की बात गई।
राजनांदगांव में हुई खरीदी की होगी जांच
प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक भोलाराम साहू ने मुय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजनांदगांव की ओर से की गई सामग्री और उपकरण की खरीदी का मुद्दा उठाया। इसमें उन्होंने गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगाए। इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जांच कराने की घोषणा की है।
हमर क्लिनिक में गड़बड़ियों की होगी जांच
प्रश्नकाल में भाजपा विधायक राजेश मूणत ने हमर क्लिनिक योजना में हुई गड़बड़ियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, रायपुर पश्चिम में ही 17 अस्पताल हैं और केवल तीन से भवन है। बाकी सामुदायिक भवन में स्थापित किए गए हैं। मंत्री ने कहा कई जगह से ऐसी जानकारी मिली है। सामुदायिक भवनों को रंग रोगन कर हमर क्लिनिक बनाया गया। उन्होंने इसकी जांच की मांग की। इस पर मंत्री ने जांच कराने घोषणा की।
केंद्र से 2056.20 करोड़ का सहयोग मिला कम
विधानसभा में वर्ष 2023-24 के वित्त लेखे एवं विनियोग लेखे को सदन में पेश किया गया। भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक की ओर से इसे तैयार किया गया। इसके मुताबिक में राज्य सरकार को वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकर से सहायता अनुदान के रूप में 11092.13 करोड़ प्राप्त किया, जो वर्ष 2022-23 की तुलना में 2056.20 करोड़ रुपए कम रहा। (Chhattisgarh News) राज्य शासन ने वर्ष 2023-24 में 15418.93 करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय किया, जो कि 2022-23 की तुलना में 2098.63 करोड़ रुपए अधिक रहा। वर्ष 2022-23 के दौरान 8592.11 करोड़ की राजस्व आधिक्य के तलना में वर्ष 2023-24 के दौरान कुल 11232.76 करोड़ का राजस्व घाटा रहा, जो कि सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.22 फीसदी था।
अब निर्विवाद जमीन का स्वत: नामांतरण
CG Winter Session 2024: वहीं राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक पेश किया, जो कि पारित भी हो गया। इस संशोधन विधेयक के बाद अब प्रदेश में निर्विवाद जमीन का स्वत: नामांतरण होगा। वहीं जियो रिफरेंस वाली जमीन का रजिस्ट्री के साथ नामांतरण होगा। नए प्रावधानों के मुताबिक जमीन विवाद मामले में पक्षकार को डिजिटल मध्यम से भी नोटिस भेजा जा सकेगा।
राजस्व न्यायालय में ऑनलाइन कागजात भी मंगवाए जा सकेंगे। भूमि अर्जन प्रक्रिया शुरू होने पर जमीन का डायवर्सन नहीं होगा। शासन को पत्र प्राप्त होते ही खरीदी और बंटवारा बंद होगा। इससे अधिक मुआवजा पाने के खेल पर पाबंदी लगेगी। इसके अलावा विधानसभा में विधायकों का वेतन, भत्ता तथा पेंशन (संशोधन) विधेयक 2024, छत्तीसगढ़ माल सेवा (संशोधन), छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण (संशोधन) विधेयक 2024 भी पारित हुआ।
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