हादसे में घायल हुए लोगों के नाम मनोज पटेल और रमेश बताए गए हैं। गौरतलब है कि गुरु घासीदास चौक और हड़हापारा चौक कसडोल के संवेदनशील इलाके माने जाते हैं। यहां आए दिन सड़क हादसे होते हैं। इन जगहों पर
दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस तैनात की गई थी। घटनास्थल पर पुलिस की नाकामी और लापरवाही के चलते हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे।
Road Accident: पुलिस के रवैये से लोगों में खासी नाराजगी
बता दें कि कसडोल में तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी सुबह से शाम तक डोंगरीडीह मेन रोड पर चेक पॉइंट लगाकर बाइक वालों को रोकते हैं। लोगों का कहना है कि कई बार एसआई रैंक के अधिकारी की गैर मौजूदगी में जवान खुद ही जांच और चालानी कार्रवाई करते हैं। इधर, दुर्घटनाएं हैं कि थमने का नाम नहीं ले रहीं। ऐसे में नगर में ट्रैफिक पुलिसवालों की संदिग्ध जांचों को अब वसूली कार्यक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है। गुरुवार के हादसे के बाद नगर में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पुलिस के रवैये से लोगों में खासी नाराजगी भी है। वहीं लोगों का ये भी कहना है कि कई पुलिस अफसर नगर में खुद बिना हैलमेट बाइक चलाते दिख जाते हैं। ऐसे में क्या नियम केवल आम लोगों के लिए बनाए गए हैं?
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कसडोल में बढ़ते हादसे पहले ही चिंता का विषय थे। गुरुवार की घटना के बाद लोगों में जिम्मेदारों को लेकर रोष बढ़ गया है। कारण नगर में चलने वाली ट्रैफिक जांच को माना जा रहा है, जिसे लोग फिजूल के साथ वसूली का खुला खेल भी बता रहे हैं। दरअसल, कसडोल में पुलिस केवल एंट्री और एग्जिट वाले छोर जैसे कर्मी डोंगरीडीह और बलौदाबाजार की सीमा पर कार्रवाई कर रही है।
यहां राहगीरों से कागज पूछने से जो रिएक्शन आता है, उसी से काम बन जाता है। जबकि, शहर के भीतर गुरु घासीदास चौक जैसे इलाकों में
सीमेंट से लदी ट्रकें दौड़ रहीं हैं। ऐसे में लोग पूछ रहे हैं कि सड़क सुरक्षा में खतरा बताकर हमारा तो चालान काट देते हैं। हमें सड़क पर सुरक्षित रखने के लिए चेकिंग के अलावा और क्या किया?
बलौदाबाजार, ट्रैफिक डीएसपी, अमृत कुजूर: गुरु घासीदास चौक के संवेदनशील होने की जानकारी नहीं थी। दुर्घटना की जानकारी मिली है। ट्रैफिक सुधार के लिए वहां जल्द पाइंट लगाएंगे। Road Accident: बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था से परेशान लोगों को अब एसपी विजय अग्रवाल से उम्मीद है। बताते हैं कि पूर्व एसपी दीपक झा ने एनएच पर बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर कसडोल में ट्रैफिक शाखा शुरू की थी। यह शाखा उस सोच पर खरी नहीं उतर पाई, जिसके तहत शुरू किया गया। यातायात व्यवस्था सुधारने में नाकाम होने के बाद अब यह केवल चालान काटकर लोगों की जेब ढीली करने वाला सेंटर साबित हो रहा है।