scriptShahid Rajeev Pandey: आज ही के दिन शहीद हुआ था छत्तीसगढ़ का लाल राजीव पांडेय, एक महीने बाद मिली थी बलिदान की खबर | Chhattisgarh's son Rajeev Pandey was martyred on this day | Patrika News
रायपुर

Shahid Rajeev Pandey: आज ही के दिन शहीद हुआ था छत्तीसगढ़ का लाल राजीव पांडेय, एक महीने बाद मिली थी बलिदान की खबर

Shahid Rajeev Pandey: छत्तीसगढ़ के लाल शहीद राजीव पांडेय की आज पुण्यतिथि है। 29 मई 1987 को पहली गोली राजीव के सीने में लगी और वे वहीं वीरगति को प्राप्त हुए।

रायपुरMay 29, 2025 / 02:44 pm

Love Sonkar

Shahid Rajeev Pandey:आज ही के दिन शहीद हुआ था छत्तीसगढ़ का लाल राजीव पांडेय, एक महीने बाद मिली थी बलिदान की खबर

छत्तीसगढ़ के लाल शहीद राजीव पांडेय की आज पुण्यतिथि (Photo Facebook&Unspalsh Images)

Shahid Rajeev Pandey: छत्तीसगढ़ के लाल शहीद राजीव पांडेय की आज पुण्यतिथि है। आज ही दिन 29 मई 1987 को सियाचिन में सीने में गोली लगने से वीरगति को प्राप्त हुए थे। राजधानी रायपुर में उनके समान और याद में उनका स्मारक बनाया जाना था, लेकिन डेढ़ साल के बाद भी उसपर कुछ नहीं किया जा सका है। सितंबर 2023 में अनुपम गार्डन के पास उनका स्मारक बनाने के लिए भूमि पूजन किया गया था।
भूमि पूजन के दौरान स्मारक की डिजाइन भी तैयार कर ली गई थी। जिसे पोस्टर में भी दिखाया गया था और कहा जा रहा था कि जल्द ही इसे तैयार कर लिया जाएगा। लेकिन तैयार होना तो छोड़ दीजिए कोई निशानी भी तैयारी की यहां नहीं दिखाई देती है। तो फिर सवाल यह है कि इतने दिनों के बाद भी इसे क्यों नहीं बनाया गया है। क्या योजना बनाने के बाद इसे फाइलों में ही दबा दिया गया है। वीर चक्र से समानित शहीद राजीव पांडेय के नाम से ही राज्य में खेल का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार भी दिया जाता है। उसके बाद भी उनके स्मारक को बनाने के लिए कोई भी काम शासन द्वारा नहीं किया गया है।
पाक सैनिकों ने की थी फायरिंग

पाकिस्तान की ओर से सियाचिन क्षेत्र में नियंत्रण हासिल करने के बाद भारतीय सेना ने अभियान शुरू किया। जमू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री की 8वीं बटालियन को पोस्ट पर कब्जा करने का काम दिया गया। द्वितीय लेटिनेंट राजीव पांडेय को आठ अन्य सैनिकों के साथ मिशन का नेतृत्व करने का काम सौंपा गया। 21 हजार फीट की ऊंची चोटी पर चढ़ने के लिए 3 किलोमीटर खुले रास्ते की अपेक्षा 1200 फीट की बर्फ की सीधी दीवार चढ़ाई वाले रास्ते से अभियान प्रारंभ हुआ। नए रास्ते की खोज रस्सी बांधकर राजीव पांडेय ने ही अपनी सूझबूझ की। चढ़ते हुए पाक सैनिकों ने राजीव और उनके साथियों को देख लिया और फायरिंग शुरु कर दी।
सीने में लगी पहली गोली

29 मई 1987 को पहली गोली राजीव के सीने में लगी और वे वहीं वीरगति को प्राप्त हुए उसके बाद 6 अन्य जवान भी वहां वीरगति को प्राप्त हुए। इसके बाद 24, 25, व 26 जून 1987 को तीन दिन लगातार 50 जवानों ने उस चौकी पर हमला कर निर्णायक कब्जा किया। 26 दिनों के अथक प्रयास के बाद 24 जून को पहली बार उन्होंने वहां पर जाने का रस्सी वाला रास्ता खोजा। जिसे राजीव एवं उनके दल ने रस्सी बांधकर तैयार किया था। इसी के सहारे सभी ऊपर पहुंचे और हमला कर चौकी पर भारतीय सेना का कब्जा हुआ।
 Shahid Rajeev Pandey:आज ही के दिन शहीद हुआ था छत्तीसगढ़ का लाल राजीव पांडेय, एक महीने बाद मिली थी बलिदान की खबर
एक महीने बाद मिला शव

लेटिनेंट बी.सी. नन्दा के शब्दों में इस विजय का श्रेय सेकंड लेटिनेंट राजीव पाण्डेय को है, क्योंकि उन्हीं के बनाए रास्ते से उस ऊंचाई पर सफलतापूर्वक पहुंचा जा सका। एक माह बाद चौकी पर कब्जा करने के पश्चात् उनका मृत शरीर बर्फ से खोज निकाला गया। उनका दाह संस्कार उत्तरी कमान के मुख्यालय उधमपुर में पूर्ण सैनिक सम्मान से 4 जुलाई को किया गया।
 Shahid Rajeev Pandey:आज ही के दिन शहीद हुआ था छत्तीसगढ़ का लाल राजीव पांडेय, एक महीने बाद मिली थी बलिदान की खबर
एक महीने बाद मिली शहादत की खबर

राजीव पांडे के के भाई ने बताया कि गुमशुदा की खबर से सभी की हालात खराब हो गई थी। पिता की तबियत इतनी बिगड़ी कि उन्हे बिस्तर से उठ नहीं पा रहे थे। मां का रो-रोकर बुरा हाल था। कोई ठीक से खा नहीं रहा था, ना सो पा रहा था। सकुशल घर वापसी के लिए प्रार्थना और पूजा पाठ हो रहे थे। तभी एक महीने बाद एक और टेलीग्राम आया कि राजीव पांडेय नहीं रहे।
इस खबर ने सभी को स्तब्‍ध कर दिया। यह एक महीना हमारे लिए दस वर्षों के बराबर था। उन्होंने बताया कि राजीव पांडेय चिट्ठी लिखकर सियाचिन ग्लेशियर की चुनौतियों को बताया करते थें। 26 जनवरी 1987 जिस दिन उनकी बहन की शादी हुई थी सभी ने एक साथ समय बिताया था। उसके बाद पांडेय परिवार कभी एक फ्रेम पर दिखाई नहीं दिया।
मरणोपरांत स्व. राजीव पांडे को उनके वीरता और अदम्य साहस के लिए वीरचक्र से पृरस्कृत किया गया। छत्तीसगढ़ में खेल के क्षेत्र में दिए जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कार शहीद राजीव पांडे पुरस्कार दिया जाता है। साइंस कालेज जहां उन्होंने बीएससी की पढ़ाई की वहां उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है।

Hindi News / Raipur / Shahid Rajeev Pandey: आज ही के दिन शहीद हुआ था छत्तीसगढ़ का लाल राजीव पांडेय, एक महीने बाद मिली थी बलिदान की खबर

ट्रेंडिंग वीडियो