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Heart Attack In Winters: सर्दियों में हार्ट अटैक से बचने के आसान टिप्स प्रदेश में हालांकि इस तरह का कोई केस नहीं आया है, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार मोबाइल की लत व फिजिकल एक्टीविटीज कम होने से बच्चों में भी हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ता जा रहा है। इससे बच्चों को बचाना है तो मोबाइल की लत छुड़वानी ही होगी। फिजिकल एक्टीविटीज पर भी बढ़ाना देना होगा। गुजरात में 6 जनवरी को कक्षा तीन में पढ़ने वाले 8 साल के एक बच्चे की हार्ट अटैक से
मौत हो गई। इसके पहले भी ऐसे कुछ केस देश में आए हैं। पत्रिका ने विशेषज्ञों से बातचीत कर जाना कि आखिर कारण क्या है? सवाल ये भी है कि आखिर क्यों इतनी कम उम्र में बच्चों को हार्ट अटैक आ रहा है।
डॉक्टरों का कहना है कि खराब लाइफस्टाइल एक बड़ी वजह है। आजकल के बच्चे फिजिकली एक्टिव नहीं है। मोबाइल व टीवी के कारण खेलकूद व शारीरिक गतिविधियों से दूर हो रहे हैं। ऑनलाइन गेम व क्लासेज के चलते यह गतिविधि और भी कम हो रही है। इसके कारण मोटापा कोलेस्ट्रॉल बढ़ने जैसी समस्या हो रही है जो हार्ट अटैक के
जोखिम को बढ़ाती है।
आजकल के बच्चे जंक व प्रोसेस्ड फूड का सेवन अधिक करते हैं, जो हैल्थ पर बुरा असर डालता है। इनमें ट्रांस फैट बहुत ज्यादा शुगर, नमक होता है, जो दिल की धमनियों को कमजोर करते हैं और यह हार्ट अटैक के रिस्क को बढ़ाता है। बेढंगा लाइफस्टाइल के कारण हार्मोनल असंतुलन पैदा होता है जो कि मेंटल हैल्थ को खराब कर रहा है। इसके अलावा बढ़ती प्रतिस्पर्धा, मोबाइल में तरह-तरह की वीडियो देखकर खुद को आगे बढ़ाने का दबाव भी हार्ट पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
एचओडी कार्डियक सर्जरी एसीआई डॉ. कृष्णकांत साहू ने कहा बच्चों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। जैसे नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार, पर्याप्त आराम, नियमित जांच व तनाव प्रबंधन शामिल हों। इससे बच्चों को हार्ट अटैक से बचा सकते हैं और उन्हें स्वस्थ व खुशहाल जीवन जीने में मदद कर सकते हैं। प्रोसेस्ड व जंक फूड से भी दूर रखें।
प्रोफेसर मेडिसिन आंबेडकर अस्पताल डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा ने कहा हार्ट अटैक से बचाव के लिए बच्चों की जीवन शैली और खानपान पर खास ध्यान देने की जरूरत है। बच्चों को संतुलित व पोषण से भरपूर आहार दें। नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों व व्यायाम में शामिल करें। बच्चों में स्क्रीन टाइम, चाहे व मोबाइल फोन हो या टीवी, कम करना जरूरी है।