इसपर सत्तापक्ष ने आरोप लगाया कि छोटी-छोटी मछलियों को पकड़ा गया। बड़े मगरमच्छ आपकी पहुंच से दूर है। कौशिक ने मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग की। इस मांग का सत्तापक्ष के कुछ विधायकों ने भी समर्थन किया। इसपर मंत्री ने कहा कि ईओडब्ल्यू छत्तीसगढ़ की बड़ी जांच एजेंसी है। सरकार ने इससे जांच कराने का फैसला लिया और इसकी जांच पर पूरा भरोसा है।
Bharatmala Scam: अब 60 फीसदी प्री-बुकिंग के बिना हाउसिंग बोर्ड नहीं जारी करेगा टेंडर
कौशिक ने कहा कि 500 वर्गमीटर से कम भूमि पर ज्यादा और अधिक भूमि पर कम मुआवजा मिलता है। एक एकड़ में मुआवजा 20 लाख होगा। यदि इसे टुकड़ों में बांट दिया जाए तो मुआवजा लगभग 1 करोड़ हो रहा है। इसके कारण इस प्रोजेक्ट में घोटाला हुआ है। इस पर मंत्री ने कहा कि इस मामले की शिकायत मिलने पर
ईओडब्ल्यू से जांच कराई जा रही है। 8 गैर लोक सेवा और 10 लोकसेवकों को आरोपी बनाया गया।
इस कौशिक ने कहा कि इसकी जांच की गति धीमी है। यदि सीबीआई से जांच होगी तो केंद्र की मंशा के अनुरूप काम होगा। विधायक अजय चंद्राकर ने संभागीय आयुक्तों की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके लिए शासन स्तर का सचिव नियुक्ति कर दिया जाए, ताकि जांच में विरोधाभाष न हो। साथ ही जांच की समय-सीमा तय की जाए। इस पर मंत्री ने सचिव नियुक्त करने के लिए विचार करने की बात कही।
केंद्रीय मंत्री ने जताई नाराजगी
विधायक सुनील सोनी ने पूछा कि जो अपराधी है या विवेचना चल रही है, वो अपनी बची जमीन नहीं बेच सके। जिन्होंने अपराध किया है, उससे वसूली भी की जाएगी। इस पर मंत्री ने कहा कि यह कोर्ट की प्रक्रिया है। नियमानुसार काम किया जाएगा। इस पर सोनी ने कहा कि इस पर केंद्रीय मंत्री ने भी नाराजगी जताई है। यदि भ्रष्टाचार पर कार्रवाई होगी तो इसका अलग संदेश जाएगा।
ढाई लाख से अधिक आयवालों को भी पीएम आवास का लाभ
विधानसभा में छत्तीसगढ़ नगरीय क्षेत्रों के आवासहीन व्यक्ति को पट्टाधृति अधिकार संशोधन विधेयक-2025 को बहुमत के आधार पर पारित किया गया। इस विधेयक से नगरीय निकाय क्षेत्र की आबादी भूमि पर निवासरत पात्र हितग्राहियों को लाभ मिलेगा। अब जिनकी वार्षिक आय ढाई लाख से अधिक उन्हें भी लाभ मिलेगा। इसके लिए हितग्राही के पास कोई मकान नहीं होना चाहिए और वो
छत्तीसगढ़ का स्थानीय निवासी हो। निकाय की मतदाता सूची में उसका नाम हो और उसके कुटुम्ब का कोई भी व्यक्ति चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर सरकारी नौकरी में नहीं रहना चाहिए। न ही अधिवक्ता, इंजीनियर, डॉक्टर, सीए जैसी अन्य व्यवसायिक सेवा में हो।
हम उस ट्रंप को खोज रहे हैं, जिसने कल सीजफायर करवाया
विधानसभा में प्रश्नकाल की शुरुआत में भाजपा विधायक चंद्राकर ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत से कहा, कल नेताजी ने सक्ती में स्थापित होने वाले निजी विश्वविद्यालय विधेयक का बहिष्कार किया था आखिर क्यों? इस पर महंत ने कहा, उन्होंने इसका नहीं, कृषि संशोधन विधेयक के विरोध में बहिष्कार किया था। इस पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी चुटकी ली। उन्होंने कहा, कल सीजफायर हो गया था। अब हम ट्रंप ने फोन नहीं किया है, तो हम उस ट्रंप को खोज रहे हैं, जिसने सीजफायर किया था। इस पर मंत्री रामविचार नेताम ने कहा, कल तो सीजफायर हो रहा था, लेकिन आप तो फायर कर रहे थे।
प्रश्नकाल में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने हाउसिंग बोर्ड के मकानों की बिक्री का मुद्दा उठाया। इस दौरान उन्होंने जजर्र बचे मकान को लेकर सवाल उठाए। इस पर मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि कई जगह डिमांड नहीं होने के बाद भी मकान बना दिया गया था। कई
परियोजनाओं के मकान नहीं बिक पाए हैं। इसके निपटारे के लिए ओटीएस लाई गई थी और इसका अच्छा प्रतिसाद मिला है। उन्होंने सदन को जानकारी दी कि सरकार ने नीति बनाई है कि 60 फीसदी प्री-बुकिंग आने पर ही कोई भी प्रोजेक्ट का टेंडर जारी किया जाएगा।