बताया जाता है कि ईडी द्वारा घोटाले के संबंध मे सवाल करने पर
कवासी लखमा ने कहा कि उन्हें पूरे मामले में साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। साथ ही आरोप लगाया कि बस्तर के गरीब आदिवासियों के संबंध में विधानसभा सत्र के दौरान सवाल पूछने पर यह कार्रवाई की गई है। इस घोटाले में शराब बनाने वाले कंपनी की भूमिका की जांच करें।
इस मामले में जेल भेजे गए अधिकारी के घर पर शराब नहीं बनती थी।
बता दें कि ईडी के समंस पर कवासी लखमा और उनके पुत्र हरीश शुक्रवार की सुबह 11 बजे पुजारी पार्क स्थित ईडी के दफ्तर में उपस्थिति दर्ज कराई। देर शाम 7.30 बजे पूछताछ के बाद जाने की अनुमति दी। Liquor Scam: राजनीतिक साजिश
कवासी लखमा में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी कोई पुरानी राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। बस्तर की जनता ने उन पर विश्वास जताया है। वह स्थानीय गरीब आदिवासियों के हित की लड़ाई लड़ते रहेंगे। उन्होंने बताया कि विधानसभा में स्थानीय आदिवासियों को मारने, प्रताड़ित करने और निजीकरण को लेकर सवाल उठाया था। इसे देखने हुए उन्हे राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।
ईडी जिस
शराब घोटाले की जांच कर रही है, उसके संबंध में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले भी वह बता चुके हैं कि निरक्षर होने के कारण उनसे फाइलों में हस्ताक्षर करवाया गया है। इस घोटाले से अर्जित एक रुपया भी उन्हें नहीं मिला है। इसके बाद भी घोटाले में बिना वजह फंसाया जा रहा है। इसकी सजा उन्हें ईश्वर जरूर देगा।
फिर पूछताछ होगी
ईडी ने लखमा और उनके पुत्र हरीश से पूछताछ कर बयान दर्ज किया है। साथ ही दोबारा जरूरत पड़ने पर बुलाए जाने पर उपस्थिति दर्ज कराने कहा है। बता दें कि इस प्रकरण में कांग्रेस नेता सुशील ओझा और ठेकेदार राजू साहू को भी तलब किया गया था। लेकिन, दोनों उपस्थित नहीं हुए।