Longest Day: प्रकृति अब वर्षा की चादर ओढ़ने को तैयार
प्रकृति अब वर्षा की चादर ओढ़ने को तैयार है। ग्रहों की गणना के अनुसार 21 जून को सूर्यदेव मिथुन राशि में प्रवेश करते हुए दक्षिणायन होंगे। यह खगोलीय घटना न केवल मौसम में बदलाव लाएगी, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्व रखती है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि सूर्य के दक्षिणायन के समय बृहस्पति और गुरु की स्थिति शुभ संकेत देती है, जिससे अच्छी वर्षा की संभावना जताई जा रही है। देश के कई प्रदेशों में मानसून गति पकड़ेगा। यह समय किसान वर्ग के लिए वर्षा की उम्मीदों से भरा होता है।दिन होने लगेंगे छोटे
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 21 जून से सूर्य के दक्षिणायन होते ही वर्षा ऋतु का आरंभ माना जाता है। इस दिन को खगोलशास्त्र में विशेष मान्यता प्राप्त है, क्योंकि इसके बाद सूर्य की गति दक्षिण की ओर होती है और दिन छोटे होने लगते हैं। साल 2025 का सबसे बड़ा दिन शनिवार, 21 जून को होगा। इस दिन सूर्य के उदय और अस्त के बीच कुल 13 घंटे 26 मिनट का अंतर रहेगा।Monsoon 2025: मानसून पकड़ेगा जोर! 13 जिलों में होगी भारी बारिश, IMD का येलो अलर्ट जारी
देवताओं के निद्रा काल की शुरुआत
धार्मिक दृष्टिकोण से सूर्य के दक्षिणायन को देवताओं के निद्रा काल की शुरुआत माना जाता है। इस समय से दक्षिणायन के छह माह तक देव पूजा, जप-तप, श्राद्ध, तर्पण आदि कर्म अधिक प्रभावी माने जाते हैं। यह काल विशेष रूप से साधना और संयम का माना गया है। 21 जून को जीरो शैडो डे भी कहा जाता है। इस दिन दोपहर के समय जब सूर्य बिल्कुल सिर के ऊपर होता है, तो कुछ समय के लिए किसी वस्तु या व्यक्ति की छाया तक नहीं बनती। यह दृश्य खगोलीय रूप से अत्यंत रोचक होता है।ये होगी हलचल
21 जून को दिन रहेगा साल का सबसे लंबासूर्य होंगे 5:22 बजे उदित, सूर्यास्त 6:48 बजे
दक्षिणायन के साथ ही बदलेंगे ग्रहों के प्रभाव
मानसून की गतिविधियों को मिलेगा नया बल