scriptCG Electricity Bill: बिजली बिल के बोझ से दबा नगर निगम, 125 करोड़ भुगतान बकाया, सोलर प्लांट का भी अता-पता नहीं | Municipal corporation burdened with electricity bills, 125 crore payment due, solar plant also unknown | Patrika News
रायपुर

CG Electricity Bill: बिजली बिल के बोझ से दबा नगर निगम, 125 करोड़ भुगतान बकाया, सोलर प्लांट का भी अता-पता नहीं

CG Electricity Bill: रायपुर नगर निगम इन दिनों बिजली के बोझ से दबा हुआ है। क्योंकि पिछले कई सालों से मामूली भुगतान की वजह से बकाया 125 करोड़ के करीब है।

रायपुरDec 16, 2024 / 02:06 pm

Shradha Jaiswal

Electricity Department New Facility Utility Billing System will be implemented from 1 January
CG Electricity Bill: छत्तीसगढ़ के रायपुर नगर निगम इन दिनों बिजली के बोझ से दबा हुआ है। क्योंकि पिछले कई सालों से मामूली भुगतान की वजह से बकाया 125 करोड़ के करीब है। इसमें फिल्टर प्लांट समेत स्ट्रीट लाइटें का बिल भी शामिल है।
जानकारों का मानना है कि नगरीय प्रशासन विभाग से बिल भुगतान का फंड नहीं मिलने की स्थिति में बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है। बिजली कंपनी ने इसके लिए डिमांड नोट कई बार भेजा है।
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CG Electricity Bill: कितने सालों से एक जैसा पैटर्न

CG Electricity Bill: राजधानी के निगम की माली हालत सुधर नहीं रही है। हर साल भारी-भरकम बिजली बिल को देखते हुए फिल्टर प्लांट कैम्पस में सोलर पैनल से बिजली बनाने की कवायदें तो हुई, परंतु इस प्रोजेक्ट को कोई अता-पता नहीं है। निगम अधिकारियों की मानें तो तीन महीना पहले निगम के प्रमुख अधिकारियों के साथ सूडा और क्रेडा के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से मुआयना किया था।
इस दौरान सौर ऊर्जा से ज्यादा से ज्यादा बिजली बनाने पर चर्चा हुई है। लेकिन, इस योजना के अमलीजामा के लिए ठोस प्रोजेक्ट रिपोर्ट सामने नहीं आई। हालात ये कि फंड के अभाव में कई साल से बिजली कंपनी का बिल बढ़ते-बढ़ते सवा अरब पहुंच गया, जिसकी भरपाई करने में निगम अब हाफ रहा है। दूसरी तरफ राज्य विद्युत कंपनी भी दबाव नहीं बना पा रही, क्योंकि यह मामला शहर के लोगों की सुविधा से जुड़ा हुआ है, लेकिन डिमांड नोट लगातार भेजा जा रहा है।

इस साल भी नहीं चुका पाएंगे बिल

निगम प्रापर्टी टैक्स, यूजर चार्ज के रूप में हर साल करोड़ों रुपए जुटाने की दिशा में आगे तो बढ़ा है, लेकिन राज्य शासन के अनुदान बगैर मूलभूत सुविधाओं और योजनाओं पर निगम अपने बजट से फंड खर्च करने की स्थिति में है। इस बार निगम आयुक्त ने प्रापर्टी टैक्स का टारगेट करीब 400 करोड़ रखा है।
ताकि ज्यादा से ज्यादा टैक्स वसूली होने पर निगम का भार कम हो सके। इसी के तहत पीएम शौर्य ऊर्जा योजना के तहत फिल्टर प्लांट की छतों और परिसर में करोड़ों रुपए की लागत सोलर प्लांट लगाने पर पूरा जोर लगाया जा रहा है। परंतु यह प्रक्रिया अभी प्रारंभिक है।

पिछले कई सालों से मामूली भुगतान

फिल्टर प्लांट कार्यपालन अभियंता के नरसिंह फरेंद्र ने कहा की फिल्टर प्लांट परिसर सोलर प्लांट की संभावना ज्यादा है। शौर्य ऊर्जा योजना के तहत ये काम होना है। तीन-चार महीना पहले क्रेडा के अधिकारियों द्वारा परिसर का जायजा लिया गया है। परंतु अभी अंतिम डीपीआर सामने नहीं आया है।
बिजली बिल भुगतान के मामले में कई सालों से एक जैसा पैटर्न चल रहा है। बिजली कंपनी के कार्यालयों, कॉलोनियों में पेयजल और साफ-सफाई के बिल को समायोजना करने के साथ ही डेढ़ से दो करोड़ बिजली बिल जमा कराया जाता है। जबकि मुख्य सड़कों, चौक-चौराहों और वार्डों की सार्वजनिक लाइटों का बिजली बिल जमा नहीं होने के कारण लगातार बढ़ा है। ऐसा पैटर्न पिछले कई सालों से चला आ रहा है।

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