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CG Suspended News: काम में लापरवाही पड़ी भारी, पंचायत सचिव निलंबित… इस खबर को पत्रिका समाचार पत्र ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। इसे राज्य
सरकार ने गंभीरता से लिया था। बताया जाता है कि पिछले 18 साल से अनुसूचित जनजाति आयोग में शिक्षा विभाग (प्राचार्य) की मूल पदस्थापना को छोड़कर 18 सालों से प्रतिनियुक्ति पर जमे सचिव को हटाने की सिफारिश की गई है। इस संबंध में आयोग अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह 27 जुलाई 2022 को पत्र लिखा था।
इसमें बताया गया था कि 27 जुलाई 2006 को सहायक अनुसंधान अधिकारी के पद पर भेजा गया था। लगातार आयोग में पदस्थ रहने के कारण गोपनीय सुनवाई समय के पहले ही सार्वजनिक हो रही है। इसे देखते हुए हटाए जाने का अनुरोध किया गया था। वहीं, प्रशासनिक और शासकीय सेवा नियमावली का हवाला दिया गया था। प्रतिनियुक्ति की अवधि 3 से 5 साल के बाद भी लगातार अवधि बढ़ाने जाने को लेकर आयोग अध्यक्ष द्वारा भी सवाल उठाया गया था।
पदस्थापना को लेकर सवाल
शिक्षा विभाग से आयोग में गैर आदिवासी को महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ किए जाने के बाद से कर्मचारियों द्वारा विरोध किया जा रहा था। विवाद के तूल पकड़ने पर कई बार लंबे अवकाश पर चले गए थे। वापस लौटने के बाद प्रकरणों में बयान लेने के साथ ही सुनवाई तक कर रहे थे। बताया जाता है कि शिकायत उच्चस्तर पर पहुंचने के बाद आयोग सचिव को हटाने की कवायद चल रही है। सूत्रों का कहना है कि जल्दी ही आयोग के सचिव को हटाने की तैयारी चल रही है। बता दें कि आयोग में पिछले काफी समय से सचिव का पद रिक्त होने के कारण महेन्द्र भुवाल को प्रभार सौंपा गया है।