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CG Election: महापौर और अध्यक्षों की खर्च की सीमा तय, आरक्षण के बाद कभी भी आचार संहिता निकाय चुनाव के लिए आरक्षण के पदों पर सबसे ज्यादा निगाहें राजनीतिक पार्टियों के दावेदारों की टिकी हुई है। क्योंकि, वार्डों का आरक्षण हो चुका है। इसमें कई दिग्गज पार्षदों का वार्डों आरक्षण की भेंट चढ़ चुका है। ऐसे में अब वे महापौर और अध्यक्ष की दावेदारी ठोकने का मन बनाया है। यदि
आरक्षण उसके अनुसार हुआ तो महापौर टिकट की दावेदारी करेंगे,यदि नहीं हुआ तो आसपास के वार्डों में नई सियासी जमीन तैयार करने में जुट जाएंगे। राजधानी रायपुर नगर की बात करें तो भाजपा कांग्रेस के दिग्गज पार्षदों के वार्ड ही आरक्षण की भेंट चढ़ चुका है। ऐसे में वे आसपास के वार्डों की ओर निगाह जमाना शुरू कर दिया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी सियासत गरम
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण प्रक्रिया भी शुरू होने वाली है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में सियासत तेज हो गई है। गांवों में तो पारा-मोहला में चर्चा हाने लगी है कि इस बार किसको सरपंच का ताज पहनाया जाएगा। सब अपने-अपने हिसाब से नाम भी सुझा रहे हैं। तो कोई किसी की कमियां गिना कर उनके नाम को खारिज कर रहे हैं राजधानी रायपुर नगर निगम में वर्तमान में सामान्य वर्ग से महापौर हैं। यह दो बार से है। ऐसे में इस बार भी सभी अनुमान लगा रहे हैं कि इस बार सामान्य महिला या फिर ओबीसी पुरुष हो सकता है। क्योंकि, सामान्य से पहले ओबीसी पुरुष हुआ था। इसके बाद सामान्य महिला हुआ था। इसलिए इन दोनों पर ही सब कयास लगा रहे हैं।
आरक्षण की समय-सारिणी
नगर निगम – सुबह 10.30 से पूर्वान्ह 11.30 बजे तक नगर पालिका – पूर्वान्ह 11.30 बजे से अपराह्न 12.30 बजे तक नगर पंचायत – अपराह्न 12.30 बजे से कार्यवाही समाप्ति तक