एक्सपर्ट निखिल अग्रवाल ने बताया कि परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों के ट्रेंड के बजाय बेसिक से शुरू किया जा रहा है। क्योंकि यूपीएससी के पेपर में अब गहराई वाले सवाल पूछे जा रहे हैं। इसलिए सभी विषयों के हर पार्ट को शामिल करते हुए तैयारी करवाई जा रही है, ताकि कैंडिडेट्स को हर सवाल का पता हो। वहीं जो कैंडिडेट्स यूपीएससी की तैयारी करना चाहते हैं, उन्हें शुरू से ही सीसेट की भी तैयारी करवा रहे हैं।
प्रीलिम्स के पेपर के टेस्ट के पैटर्न में भी बदलाव
निखिल ने बताते हैं कि यूपीएससी के पैटर्न में बदलाव के बाद से पेपर के हिसाब से ही टेस्ट पेपर में बदलाव किया गया है। पहले वैकल्पिक सवाल पूछे जाते थे, जिसमें परीक्षार्थी किसी एक ऑप्शन के गलत होने के हिसाब से सही जवाब निकाल लेता था, लेकिन स्टेटमेंट बेस्ड सवालों में ऐसा नहीं हो पाता। इसलिए पेपर के हिसाब से ही तैयारी करवाने के लिए टेस्ट में भी स्टेटमेंट बेस्ड सवालों की संख्या बढ़ा दी गई है।
पांच साल से बदल गया ट्रेंड
एक्सपर्ट के अनुसार, 2019 के पहले तक बेसिक से तैयारी करवाई जाती थी यानी परीक्षार्थी को पूरा सिलेबस तैयारी करवाया जाता था, लेकिन उसके बाद से पेपर में आने वाले सवालों के ट्रेंड के अनुसार तैयारी करवाई जाती थी, लेकिन अभी दो सालों से पेपर के पैटर्न में बदलाव के बाद से फिर पुराना पैटर्न लागू करते हुए तैयारी करवाई जा रही है। ताकि परीक्षार्थी को सभी तरह की जानकारी हो। माह में दो दिन मेंस की तैयारी
एक्सपर्ट अंकित अग्रवाल ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी कर रहे परीक्षार्थी को अब शुरू से मेंस और सीसेट की तैयारी करवाई जाती है। पहले परीक्षार्थी सीसेट पर ध्यान नहीं देते थे, प्री पर ही फोकस करते थे। अब कुछ सालों से सीसेट की परीक्षा काफी हार्ड होती जा रही है, जिसके कारण शुरू से ही सीसेट की तैयारी करवा रहे हैं। हर माह दो दिन मेंस के टेस्ट पेपर होते है। क्योंकि मेंस में लिखते समय परीक्षार्थी के मन में काफी सारे विचार आते है।
प्री के
पेपर में भी खास तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं। जिससे मेंस में लिखने से वो सारी चीजे भी क्लियर होने लगती हैं। हर माह 10 सवाल मेंस के करवा रहे हैं, ताकि परीक्षार्थी प्री के साथ ही मेंस के लिए भी शुरू से ही तैयार रहे।
प्री में कथन कारण वालों सवालों ने बना दिया था कठिन
यूपीएससी की ओर से मई में आयोजित हुई प्रारंभिक परीक्षा कठिन थी। पेपर-1 में कथन कारण के जो सवाल पूछे गए, उनसे पेपर और कठिन बन गया। जिसे टॉपिक की गहरी समझ हो, वही हल कर सकता था। एक्सपर्ट की मानें तो इस पेपर का कटऑफ 81-86 के आसपास ही जाएगा। पिछले एग्जाम यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2024 में कटऑफ जनरल का 87.98, ईडब्ल्यूएस का 85.92, ओबीसी का 87.28, एससी का 79.03 और एसटी का 74.23 इकोनॉमी, जियोग्राफी से ज्यादा सवाल पूछे जा रहे प्रीलिम्स में अभी देखा जा रहे है कुछ पेपर में इकोनॉमी, जियोग्राफी से ज्यादा सवाल पूछे गए हैं। पिछले प्रलिम्स के पेपर में ही इकोनॉमी से लगभग 20 सवाल थे। वहीं, जियोग्राफी से संबंधित 16 सवाल पूछे गए। पिछले साल इकोनॉमी से 15 सवाल आए थे।
वहीं, इस पेपर में ही इतिहास विषय में ज्यादातर सवाल मॉडर्न हिस्ट्री से पूछे गए। वहीं, सीसेट के पेपर में ज्यादातर सवाल नंबर सिस्टम से पूछे जा रहे हैं। इसलिए इन्हें भी ज्यादा फोकस किया जा रहा है। इस साल के पेपर में समय, स्पीड, क्लॉक, अर्थमैटिक जैसे टॉपिक को हटा ही दिया गया है।