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दहशत फैल गया। अन्य जवानों ने आरोपी को पकड़ा। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। घटना के बाद खरोरा पुलिस ने सिपाही सरोज को हिरासत में ले लिया है। उनके खिलाफ मर्डर का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। एएसपी ग्रामीण कीर्तन राठौर ने बताया कि सिपाही ने एएसआई को 18 गोलियां मारी है। आरोपी को हिरासत में लेकर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
एएसआई के गिरने के बाद भी फायरिंग पुलिस के मुताबिक सोमवार को सुबह से कैंप के परेड ग्राउंड में आईटीबीपी के
जवानों को परेड की रिहर्सल कराई जा रही थी। रिहर्सल के संचालक एएसआई देवेंद्र सिंह दहिया(55) थे। वे हरियाणा के रहने वाले हैं। परेड रिहर्सल में सभी सिपाहियों के साथ बिहार का रहने वाले सिपाही सरोज कुमार यादव (31) भी भाग ले रहा था।
रिहर्सल के दौरान एएसआई दहिया ने उन्हें वर्दी में डोर सही नहीं लगाने पर डांट दिया। इसके कुछ देर बाद उसी बात को लेकर उन्हें थप्पड़ भी मार दिया। इसके बाद मैदान में सिपाही सरोज और एएसआई दहिया का फिर आमना-सामना हो गया। इस दौरान एएसआई दहिया ने फिर सिपाही को वर्दी को लेकर डांट दिया। इससे जवान नाराज हो गया और उसने अपनी इंसास राइफल से उन पर फायरिंग शुरू कर दी।
तबाड़तोड़ 18 राउंड फायरिंग की। सभी गोलियां एएसआई दहिया के सीने और पेट में लगीं। जवान इतना ज्यादा गुस्से में था कि एएसआई के जमीन पर गिरने के बाद भी वह गोलियां दागते रहा। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। अचानक हुई इस घटना से परेड स्थल पर दहशत फैल गया। कुछ देर तक सरोज के पास जाने किसी जवान की हिम्मत नहीं हुई। फायरिंग बंद होने के बाद जवानों ने हिम्मत दिखाकर उसे पकड़ा। उसे अपने कब्जे में लिया। उनसे राइफल छीन लिया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। सीन ऑफ क्राइम और फॉरेसिंक की टीम मौके पर पहुंची।
दो घंटे बाद आने वाले थे डीआईजी सोमवार को आईटीबीपी के डीआईजी आने वाले थे। उनकी सलामी परेड के लिए ही तीन-चार दिन से रिहर्सल चल रहा था। डीआईजी करीब 11 बजे आने वाले थे। इसलिए जवानों को सुबह से बुलाकर परेड का अभ्यास कराया जा रहा था। इसी के दौरान यह घटना हो गई। आरोपी और मृतक दोनों आसपास ही रहते हैं। पुलिस का दावा है कि उनका पहले से कोई विवाद नहीं था।
हवाई मार्ग से भेजेंगे शव, इसलिए दोबारा जांच मृत एएसआई दहिया का पोस्टमार्टम खरोरा पीएससी में किया गया। उनके शरीर से सभी 18 गोलियों को निकाला गया। चूंकि उनके शव को हवाई मार्ग से उनके गृहग्राम भेजना था। इस कारण उनके शव की अंबेडकर अस्पताल में दोबारा जांच की गई। डॉक्टर नागेंद्र सिंह सोनवानी ने उनके शव की फिर से जांच की, ताकि कहीं गोली या उससे जुड़ा मैटल पार्टिकल न रह गया हो।
पहले भी हो चुकी है घटनाएं आर्म्स फोर्स के जवानों में तनाव और गुस्से के चलते ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पीएचक्यू के बैरक में दो बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। एक में सिपाही ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी और एक मामले में जवान ने खुद को गोली मार लिया था। इससे पहले एक मंत्री के बंगले में तैनात जवान ने खुद को गोली मार लिया था।