एक्शन पर जोरदार रिएक्शन
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि हमारी आवाज दबाने के लिए मेरे बेटे को उसके जन्मदिन पर गिरफ्तार किया गया है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने चैतन्य की गिरफ्तारी को अनैतिक बताया है। उन्होंने कहा, यह केवल राजनीतिक द्वेष की भावना से की गई कार्रवाई है। केंद्रीय जांच एजेंसियों का उपयोग जनहित की सेवा के बजाय राजनीतिक द्वेष और प्रतिशोध के लिए किया जा रहा है। यह गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ जिस प्रकार की दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई ईडी द्वारा की जा रही है, वह केवल एक नेता पर नहीं, बल्कि पूरी लोकतांत्रिक प्रणाली पर सीधा प्रहार है। छत्तीसगढ़ की जागरूक जनता, कांग्रेस पार्टी और हम सभी इस अन्याय के खिलाफ एकजुट हैं। प्रदर्शन के दौरान पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, अनिला भेड़िया, उमेश पटेल, जयसिंह अग्रवाल, लखेश्वर बघेल, भोलाराम साहू, देवेंद्र यादव, विक्रम मंडावी, विकास उपाध्याय, सुशील आनंद शुक्ला, गिरीश देवांगन, धनंजय सिंह ठाकुर, प्रमोद दुबे सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
सरकार के कहने पर नहीं चलती ईडी: केदार
इस मामले में मंत्री केदार कश्यप ने कहा, सरकार किसी भी तरह के दबाव में नहीं है। ये कांग्रेस की सरकार नहीं है। ईडी अपनी कार्रवाई कर रही है। ईडी सरकार के कहने पर नहीं चलती। इससे पहले भी उनसे पूछताछ हुई थी, वे शक के दायरे में हैं।
ईडी की कार्रवाई पर भूपेश ने उठाए सवाल
भूपेश ने ईडी की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाएं हैं। उन्होंने कहा, पिछली बार मेरे जन्मदिन पर ईडी आई थी और आज मेरे बेटे के जन्मदिन में भी ईडी आई है। कांग्रेस पार्टी ने अदाणी के खिलाफ काम किया और इसी कारण यह कार्रवाई की गई है। शिकायत आ रही है कि पप्पू बंसल के बयान के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। पप्पू बंसल के खिलाफ गैर जमानती वारंट है और वह इंसान खुलेआम घूम रहा है। इससे समझ आ जाता है कि शासकीय एजेंसी के माध्यम से षड्यंत्र हो रहा है। हम लोग डरने वाले नहीं हैं और न ही तो झुकने वाले हैं।
चैतन्य की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित: अमित
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा, यह गिरफ्तारी पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। यह साबित करता है कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके विपक्ष को डराने-दबाने की रणनीति पर चल रही है। क्या भ्रष्टाचार केवल विपक्षी दलों के नेताओं तक सीमित है? जब भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेता भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हैं, तो उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई क्यों नहीं होती?