84 दिन तक चला था विरोध, फिर भी नहीं रुका विवाद
जनपद सचिवों और कर्मचारियों ने 84 दिनों तक हड़ताल कर युक्ति शर्मा को हटाने की मांग की थी। आरोप था कि वे हर कार्य में कमीशन मांग रही थीं। इसके बाद 27 अगस्त 2024 को सरकार ने उनका ट्रांसफर शिवपुरी स्थित पोषण आहार संयंत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में कर दिया। लेकिन जाते-जाते वे सरकारी संपत्ति भी साथ ले गईं। सरकारी संपत्ति का ‘गायब’ होना
जनपद पंचायत कार्यालय ने 4 अक्टूबर 2024 और 3 मार्च 2025 को युक्ति शर्मा को पत्र लिखकर सरकारी सामान लौटाने को कहा। इसमें कंप्यूटर, सीपीयू, प्रिंटर, इंडक्शन, कुकर, बेड, गद्दा समेत कई चीजें शामिल थीं। लेकिन उन्होंने सिर्फ बेड को लेकर जवाब दिया कि इसका जनपद में बिल हो तो दिखाया जाए। कर्मचारियों का कहना है कि बेड कुछ सचिवों ने खुद दिया था ताकि सीईओ अपनी बच्ची के साथ आराम कर सकें।
थाने में भेजा पत्र, दर्ज होगी FIR
वर्तमान जनपद सीईओ वृंदावन मीणा ने थाना प्रभारी को पत्र भेजकर तत्कालीन सीईओ युक्ति शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है। पत्र की प्रतिलिपि रायसेन कलेक्टर को भी भेजी गई है। थाना प्रभारी भरत प्रताप सिंह राजपूत ने कहा कि जांच के बाद मामला दर्ज किया जाएगा।