कालीपीठ मार्ग पर छोटे पुल के ऊपर पेड़ गिरने से करीब 100 गांवों का रास्ता बंद हो गया, जिसे देर रात तक चालू नहीं किया जा सका। इसके अलावा रामदेव मंदिर का टीन शेड उड़ गया। खिलचीपुर में एक मकान की बालकनी टूटकर गिर गई।
धूल उड़ी, अंधेरा सा छा गया…
दरअसल, सुबह से ही आग उगल रहे सूरज के बीच अधिकतम तापमान 41.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। साढ़े चार बजे शुरू हुए बवंडर के दौरान रुक-रुककर चार बार आंधी चली। जिससे पूरे शहर में धूल उड़ी, अंधेरा सा छा गया। तेज धूलभरी आंधी के साथ ही शहर के विभिन्न हिस्सों में बिजली गुल हो गई। जहां-जहां पेड़ गिरे वहां देर रात तक भी सप्लाई चालू नहीं हो पाई। पुरा मोहल्ला और कालीपीठ मार्ग पर पोल के साथ ही पेड़ गिरे हैं, जिसके चलते सप्लाई चालू नहीं हुई, भरी गर्मी में लोग परेशान होते रहे। देर रात तक भी सुधार कार्य जारी रहा।
पेड़ गिरने के दो घंटे बाद भी नहीं पहुंचा अमला
पुरा मोहल्ला सहित मैन मार्केट, कालीपीठ मार्ग छोटे पुल सहित अन्य जगह करीब दर्जनभर पेड़ धराशायी हो गए। कालीपीठ मार्ग पर पेड़ गिरने के बाद लोगों की भीड़ जमा हो गई। वहां मोटर साइकिल वाले पेड़ के नीचे से ही निकलने का प्रयास करते रहे। वहीं, एक दूल्हा- दुल्हन भी इस जाम में फंस गए। करीब दो घंटे बाद भी मौके पर प्रशासनिक अमला नहीं पहुंचा न ही नगर पालिका की टीम ने जाकर देखा, जिससे आंधी के थम जाने के बाद भी लोग परेशान होते रहे। नपा और पीडब्ल्यूडी ने तर्क दिया कि वह क्षेत्र हमारे दायरे में नहीं आता, ऐसे में किसी ने वहां जाने की जहमत नहीं उठाई।
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खिलचीपुर में चली तेज हवा और आंधी के कारण रोशन साहू के मकान की कांच की बालकनी गिरकर टूट गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तेज हवा चलने के कारण पेड़ बालकनी पर गिरने से बालकनी गिर गई। गनीमत रही कि इस दौरान रास्ते पर कोई व्यक्ति नहीं था नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।