सोमवार को रात होने की वजह से मृतक मजदूर के शव को मरचुरी में रखा गया था। मंगलवार को पीएम के बाद ग्रामीण व मजदूर जनप्रतिनिधियों के साथ मुआवजे व प्रबंधन पर जुर्म दर्ज करने के मांग को लेकर सोमनी थाना का घेराव कर दिए।
फैक्ट्री प्रबंधन, जिला प्रशासन, मृतक के परिजन व ग्रामीणों के बीच मुआवजे की राशि को लेकर 6 घंटे तक चर्चा चली और हंगामा होता रहा। 6 घंटे की चर्चा के बाद मृतक के परिजनों को प्रबंधन द्वारा 15 लाख रुपए देने की बात पर सहमति बनी। तत्काल चेक प्रदान किया गया। श्रेय लेने की होड़ में कांग्रेस व भाजपा के बड़े नेता भी मौके पर डटे रहे। नेताओं की दखल से चर्चा लंबी चली।
बैठक में फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से मैनेजर सूर्य शेखर तिवारी, एसडीएम खेमलाल वर्मा, सीएसपी पुष्पेन्द्र नायक, डोंगरगढ़ विधायक हर्षिता स्वामी बघेल, पूर्व विधायक भुनेश्वर बघेल, कांग्रेस जिला अध्यक्ष भागवत साहू, जिला पंचायत सदस्य अंगेश्वर देशमुख, गिरीश देवांगन, भाजपा के जिला अध्यक्ष कोमल सिंह राजपूत, महामंत्री सौरभ कोठारी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेश श्यामकर सहित बड़ी संख्या में पटेवा के ग्रामीण व मजदूर मौजूद थे।
परिजन व नेता एक करोड़ रुपए देने की मांग पर अड़े थे
फैक्ट्री में काम करते समय 16 वर्षीय मजदूर कुणाल पिता तीरथ मंडावी निवासी ग्राम पटेवा थाना घुमका की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई थी। प्रबंधन की ओर से मैनेजर सूर्य शेखर तिवारी ने 8 लाख मुआवजा देने की बात कही। मृतक के परिजन व ग्रामीण आक्रोशित हो गए। एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग करते रहे।
विधायक हर्षिता सहित ग्रामीण सड़क पर उतरे, फिर हट गए
इस बीच प्रबंधन ने राशि बढ़ा कर 10 लाख देने की बात कही। ग्रामीण व नेता इस पर भी सहमत नहीं हुए और फिर हंगामा शुरू हो गया। विधायक हर्षिता स्वामी बघेल ग्रामीणों के साथ चक्का जाम करने थाना के सामने हाइवे में पहुंच गई। सीएसपी पुष्पेन्द्र नायक विधायक व ग्रामीणों को समझाइश देकर तत्काल हाइवे से वापस थाना लेकर आए। प्रबंधन की ओर से मुआवजा राशि बढ़ा कर 15 लाख देने की बात कही। ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने फैक्ट्री प्रबंधन पर जुर्म दर्ज करने, 15 लाख मुआवजा, बीमा की राशि व न्यायालय क्लेम से मिलने वाली राशि परिजनों को देने पर सहमत हुए।