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CG Crime:ओडिशा से लाकर भिलाई में खपा रहे थे गांजा, दो तस्कर गिरफ्तार इसमें महादेव सट्टा ऐप को ऑपरेटर करने के मामले में पकड़ाए सतनाम सिंह का बेटा जसराज सिंह, यसराज सिंह रंधावा पिता निर्मल सिंह रंधावा, श्रीजल सोनी उर्फ पुनीत पिता राजेश सोनी, जसकरण सिंह पिता जसवंत सिंह और अनुराग तिवारी पिता वीरेन्द्र तिवारी को गिरतार किया गया। सभी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।
अंजोरा चौकी प्रभारी रामनारायण ध्रुव ने बताया कि बुधवार रात 9.45 बजे चौकी में पदस्थ सिपाही प्रदीप कुर्रे ड्यूटी पर आ रहा था। आरोपियों ने उसकी गाड़ी को ठोकर मार दिया। सिपाही चौकी की तरफ वह जैसे मुंडा, उसी समय रॉन्ग साइड खन्ना ढाबा की तरफ से थार और कार में सवार होकर पांचों आरोपी
राजनादगांव की तरफ केजीएन ढाबा जा रहे थे। सिपाही प्रदीप कुर्रे ने उन्हें ठीक से गाड़ी चलाने की हिदायत दी।
उसकी बात सुनकर कार में सवार आरोपी उतरे और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। विवाद देख जो आरोपी थार में सवार थे, वे भी पहुंच गए। तब सिपाही प्रदीप कुर्रे अपनी जान बचाकर चौकी की तरफ भागा। बदमाश युवक उसका पीछा करते चौकी परिसर में घुस गए और उसे घेर लिया। चौकी में तैनात आरक्षक हिरेन्द्र निषाद बचाने के लिए दौड़ा। बदमाश आरोपियों ने उसकी भी पिटाई कर दी। इसके बाद मौके भाग गए।
चौकी के अंदर वर्दी फाड़ी बदमाशों के हौसले इतने बुलंद थे कि चौकी के अंदर मारपीट की। वर्दी में तैनात जवान जब बचाने पहुंचा तो उसकी भी जमकर धुनाई की। उसकी वर्दी फाड़ दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए चौकी से पुलिस अधिकारियों को सूचना दी गई। तब तक आरोपी मारपीट कर भाग गए।
पुलिस ने खोजबीन कर आरोपी वैशाली नगर शांति नगर निवासी जसराज सिंह पिता सतनाम सिंह, जसकरण सिंह पिता जसवंत सिंह, श्रीजल सोनी उर्फ पुनीत पिता राजेश सोनी, कोहका साकेत नगर निवासी यसराज सिंह रंधावा पिता निर्मल सिंह रंधावा और कैलाशनगर हाउंसिंग बोर्ड निवासी अनुराग तिवारी पिता वीरेन्द्र तिवारी को गिरतार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 296, 351(3), 190, 191, 132, 221, 121(1), 324(2) के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की।
चौकी परिसर में सिपाहियों से मारपीट की घटना की जानकारी एसपी जितेन्द्र शुक्ला को हुई तो वे अंजोरा चौकी पहुंचे। पकड़े गए पांचों आरोपियों से उनकी करतूत का कारण पूछा। पुलिस जवानों के साथ मारपीट करने वाले आरोपियों के प्रति उनके मन में भयंकर आक्रोश था, लेकिन उन्होंने कानूनी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। बताते हैं कि आरोपियों को छुड़वाने के लिए कई रसूखदारों के फोन घनघनाते रहे। कुछ लोग मामला रफादफा कराने के फिराक में भी थे लेकिन पुलिस ने किसी की नहीं सुनी। क्योंकि मामला बहुत गंभीर है।
इन बदमाशों की जुलूस नहीं निकाली लोगों ने कहा कि पुलिस जिस तरह बदमाशों का जुलूस निकालती है, उसी तरह इनका जुलूस क्यों नहीं निकाली। इससे साफ है कि कहीं न कहीं पुलिस दबाव में आ ही गई।