लगभग 13 लाख रुपए खर्च कर गोबर पेंट तैयार किया पर बिक्री केवल तीन लाख रुपए की हुई। इसमें भी समूह को भुगतान केवल 40 हजार रुपए ही हुआ। समूह की महिलाएं उपेक्षा के चलते फिलहाल 11 लाख रुपए के कर्ज में हैं। चिंता है कि पेंट की खपत होगी या नहीं? रीपा में लाखों का गोबर पेंट धूल खाते पड़ा है।
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मोहला-मानपुर,अम्बागढ़ चौकी जिले के सरखेड़ा रीपा गोठान में आजीविका की गतिविधियां पूरी तरह से ठप पड़ी है। प्रदेश सरकार बदलने के बाद तो अफसर रीपा की ओर झांककर भी नहीं देख रहे हैं। इस तरह के हालात किसी एक गौठान में नहीं बल्कि जिले के हर गोठान का यही हाल है।
गौठानों में आजीविका की गतिविधियां कुछ को छोड़ सभी ठप पड़ते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में जिन समूहों ने लाखों खर्च कर अपने आजीविका के साधन संचालित कर रहे थे उन्हें काम नहीं मिल रहा है। गौरतलब है कि एमएमएसी जिले में 6 रीपा गौठान हैं। जिसमें सभी तरह की गतिविधियां ठप है।
यही था आजीविका का साधन
सरखेड़ा के महिला स्व सहायता समूह ने आजीविका के साधन के लिए 13 लाख रुपए का गोबर पेंट का निर्माण किया था। जब कांग्रेस की सरकार थी तो पेंट की बिक्री हो रही थी। डिमांड व आपूर्ति के हिसाब से महिला स्व सहायता समूहों ने उत्साह के साथ गोबर पेंट का निर्माण तो कर दिया, लेकिन अब इनके उत्पाद की डिमांड ठप पड़ गई है। इसके चलते उत्पाद गोदाम में धूल खाते पड़े हैं तो हजारों लीटर मानपुर जनपद पंचायत में रखे गए हैं। सरखेड़ा में पदम शांति
महिला स्व सहायता समूह ने 13 लाख का गोबर पेंट का निर्माण किया, लेकिन उनके इस 13 लाख के गोबर पेंट में अब तक केवल 3 लाख 50 हजार रुपए की गोबर पेंट की बिक्री हुई है। इसमें भी 50 हजार का ही भुगतान महिला समूह को किया गया है। वहीं लाख रुपए का गोबर पेंट जनपद पंचायत व रीपा में ही धूल खाते पड़े हैं।
कर्ज में डूब गईं महिलाएं
सरकार बदलते ही इनके द्वारा निर्मित पेंट की डिमांड ही नहीं है। अब इन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि उनके बचे लाखों रुपए के पेंट की बिक्री होगी या नहीं, यदि पेंट की बिक्री नहीं हुई तो उन्हें बड़ा नुकसान होगा और कर्ज में लद जाएंगे। सचिव स्व सहायता समूह सरखेड़ा माधुरी केरकेट्टा ने कहा की सरकारी विभागों को गोबर पेंट की खरीदी के निर्देश दिए गए थे। पहले प्रशासनिक अधिकारी रूचि दिखाते थे पर अब कोई ध्यान नहीं दे रहा। लाखों का मटेरियल बेकार पड़ा है। ऐसे में कर्ज अदायगी की चिंता सता रही है। प्रभारी कलेक्टर व सीईओ
जिला पंचायत एमएमएसी भारती चंद्राकर ने कहा की जिले में रीपा प्रोजेक्ट के तहत काम चल रहा था। गोबर पेंट के मामले में क्या दिक्कत आई है। यह पता करवाना पड़ेगा। यह मामला फिलहाल तो जानकारी में नहीं है।