12 लाख लोगों की प्यास बुझाने वाली शिवनाथ नदी में प्रदूषण का खतरा, जानें गंदगी के 3 बड़े कारण..
CG News: राजनांदगांव जिले में भी दो बड़े नालों से ह्यूमन सीवरेज का पानी नदी में पहुंचता है। इस बीच छोटे नालों व तटीय गांवों से भी गंदगी नदी में पहुंचता है।
CG News: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में भी दो बड़े नालों से ह्यूमन सीवरेज का पानी नदी में पहुंचता है। इस बीच छोटे नालों व तटीय गांवों से भी गंदगी नदी में पहुंचता है। राजनांदगांव में भी ट्रीटमेंट की व्यवस्था नहीं है। एक आंकलन के मुताबिक राजनांदगांव से भिलाई तक शिवनाथ में हर दिन कई टन साबुन की गंदगी घुलता है।
दुर्ग के शिवनाथ के पानी से जिले के 4 नगरीय निकायों के साथ करीब 100 गांवों की प्यास बुझती है। इधर दुर्ग-भिलाई के 20 किमी के दायरे में 3 बड़े गंदे नालों का पानी नदी में मिल रहा है। पानी के साथ से घरों से निकलने वाले गंदगी भी नदी में पहुंच रहा है। इससे नदी का पानी लगातार प्रदूषित हो रहा है।
शिवनाथ जिले के लिए जीवनदायिनी है। नदी के जिले में करीब 40 किमी प्रवाह क्षेत्र में करीब 100 गांव आते हैं। इन गांवो में पेयजल व निस्तारी के अलावा सिंचाई की अधिकतर व्यवस्था भी शिवनाथ से ही होती है। दुर्ग के महमरा एनिकट के समीप पानी लिफ्ट कर पेयजल के लिए दुर्ग व भिलाई नगर निगम को पहुंचाया जाता है।
रिसाली निगम के अधिकतर हिस्से में यहीं से पानी पहुंचता है। समोदा के पास से जामुल के लिए पानी लिफ्ट किया जाता है। इसके बाद भी शिवनाथ को प्रदूषण से बचाने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ट्रीटमेंट प्लांट का प्लान सालों से कागजों में ही रेंग रहा है।
हुडको से दुर्ग तक का गंदा पानी
भिलाई के हुडको के साथ शहर के शेष हिस्से का पानी शंकरनाला के माध्यम से शिवनाथ में बेलोदी एनीकट के ठीक ऊपर मिलता है। करीब 11 किमी नाले में आधा दर्जन छोटे नाले भी मिलते हैं। इनसे सीवरेज का पानी शिवनाथ में पहुंचता है।
तैरते हैं खतरनाक कीड़े
पानी शंकर नाला सेे होकर बेलौदी के पास शिवनाथ में मिलता है। यहां सर्वाधिक प्रदूषण है। सीवरेज के पानी के कारण बेलौदी का एननिकट बारिश को छोड़कर शेष समय गंदगी से अटा रहता है। गर्मी में पानी कीड़े-मकोड़ों से भरा रहता है।
आधा सैकड़ा गांवों में प्रदूषण
बेलौदी एनीकट सहित भटगांव व समोदा एनिकट तक पानी प्रदूषित रहता है। इन एनिकटों में करीब आधा सैकड़ा से ज्यादा गांवों की निस्तारी होती है। समोदा एनिकट के पास से जामुल के लिए पेयजल सप्लाई होती है।
दो दर्जन कॉलोनियों का गंदा पानी
शहर के गंजपारा, पुलगांव, मिलपारा, केलाबाड़ी, कसारीडीह, पोटिया, आदर्श नगर, पद्मनाभपुर सहित दो दर्जन से ज्यादा कॉलोनियों के सीवरेज का पानी पुलगांव नाला को एनीकट में मिलता है।
मानक से ज्यादा कॉलीफार्म
पानी पुलगांव नाला से होकर सीधे शिवनाथ में पहुंच रहा है। नाला एनिकट के ठीक ऊपर मिलता है। एक परीक्षण में एनीकेट के आसपास ह्यूमन सीवरेज व खतरनाक कॉलीफार्म जीवाणु की मात्रा मानक से कहीं अधिक होने की पुष्टि हो चुकी है।
नाले के मुहाने से पानी सप्लाई
शिवनाथ के महमरा एनिकट से दुर्ग व भिलाई नगर निगम को पानी सप्लाई होता है। खास बात यह है कि जहां पर पुलगांव नाले का पानी शिवनाथ में मिलता है, ठीक मुहाने पर दोनों निगम का इंटकवेल बना है।
बीएसपी का केमीकलयुक्त पानी
भिलाई इस्पात संयंत्र के केमीकलयुक्त पानी के साथ आधे भिलाई शहर की गंदगी इस नाले में माध्यम से चिखली-समोदा गांव के पास शिवनाथ में मिलता है। यहां से करीब एक किमी नीचे झेंझरी एनीकट है।
काले पानी से परेशानी
नाले से बारहों महीनें केमीकल और आइलयुक्त पानी पहुंचता है। इससे चिखली समोदा के साथ झेंझरी एनीकट तक पानी काले रंग का हो जाता है।
धमधा तक केमीकल का असर
केमीकल और आइलयुक्त पानी का असर समोदा व झेंझरी एनिकट के साथ धमधा के सहगांव एनिकट तक दिखता है। केमीकल के कारण पानी के उपयोग से त्वचा संबंधी रोगों की शिकायत रहती है। सहगांव के पास से अहिवारा को पानी सप्लाई किया जाता है।
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व पौधरोपण जरूरी
अमरचंद सुराना ने कहा की नदी में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। इसे रोकने तत्काल काम की जरूरत है। इसके लिए वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व नदी के आसपास बड़े पैमाने पर पेड़-पौधे लगाया जाना चाहिए। पूर्व में गंदे नालों के पानी को रोककर फिल्टर कर दूसरे उपयोग के लिए प्रपोजल तैयार कर नगर निगम को दिया गया था। दोबारा इस दिशा में पहल की जाएगी।
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