बारिश में डूबता बस स्टैंड, कमजोर होती नींव
आमेट समेत पूरे क्षेत्र में इन दिनों अच्छी बारिश हो रही है। तेज बारिश में यह बस स्टैंड घुटनों तक पानी में डूब जाता है। पानी से दीवारें और नींव लगातार कमजोर होती जा रही हैं। हर रोज यहां से करीब 50 बसों का संचालन होता है और सैकड़ों यात्री इसी प्रतीक्षालय के नीचे खड़े होकर बसों का इंतजार करते हैं। स्थिति यह है कि यदि प्रतीक्षालय अचानक गिर गया तो दर्जनों जानें खतरे में पड़ जाएंगी। इसके बावजूद नगर पालिका प्रशासन हर बार सिर्फ आश्वासन देकर पल्ला झाड़ लेता है।
ठेकेदार नहीं मिल रहा या बजट की चालबाजी?
नगरवासियों और दुकानदारों ने कई बार नगर पालिका प्रशासन से मिलकर इस प्रतीक्षालय को नया बनाने की गुहार लगाई। लेकिन अधिकारी हर बार नई कहानी सुना देते हैं। कभी कहते हैं बजट नहीं है तो कभी ठेकेदार नहीं मिल रहा। अधिशासी अभियंता शंकर लाल चंगेरीवाल का कहना है, ‘‘एक साल से लगातार निविदा डाल रहे हैं, लेकिन कोई ठेकेदार काम लेने को तैयार नहीं।’’ सवाल यह उठता है कि जब पालिका कार्यालय का जीर्णोद्धार आसानी से ठेकेदार लेकर कर रहा है तो जनता की सुविधा के प्रतीक्षालय के लिए ठेकेदार क्यों नहीं मिल रहा? क्या वाकई ठेकेदार नहीं हैं या यह सिर्फ बहाना है?
फिर से जागी उम्मीद या फिर बहाना?
अब प्रशासन का कहना है कि इसी सप्ताह प्रतीक्षालय निर्माण के लिए वर्क ऑर्डर तैयार कर लिया गया है और ठेकेदार की निविदा भी मिल चुकी है। बस उपखंड अधिकारी के हस्ताक्षर बाकी हैं। हस्ताक्षर होते ही काम शुरू होने का दावा किया जा रहा है। नगरवासी कहते हैं कि अबकी बार कोई हादसा होने से पहले काम शुरू होना चाहिए, वरना हादसा होते देर नहीं लगेगी। बार एसोसिएशन आमेट और नगर के नागरिकों ने फिर से चेतावनी दी है कि यदि प्रतीक्षालय जल्द नहीं बना तो किसी बड़ी दुर्घटना के लिए नगर पालिका प्रशासन जिम्मेदार होगा। कहने को तो आमेट का बस स्टैंड पन्ना धाय के नाम पर बना है, पर जिम्मेदारों की लापरवाही लोगों के बलिदान का कारण न बन जाए, यही नगरवासियों की सबसे बड़ी चिंता है।
इनका कहना है
इसी सप्ताह में आमेट के मुख्य बस स्टैंड को फिर से बनाने का वर्क ऑर्डर तैयार करवा दिया गया है तथा ठेकेदार की निविदा भी प्राप्त हो चुकी है। अब उपखंड अधिकारी के हस्ताक्षर बाकी हैं, जो होते ही काम शुरू करवा देंगे।’— शंकर लाल चंगेरीवाल, अधिशासी अभियंता, नगरपालिका आमेट