बेटियों ने दिखाया दम, बेटों को दी टक्कर
इस परीक्षा में बेटियों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि शिक्षा के क्षेत्र में वे किसी से कम नहीं हैं। नतीजों में कई सरकारी स्कूलों की छात्राओं ने अव्वल स्थान प्राप्त किए, जिससे अभिभावकों और शिक्षकों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। स्कूलों में मिठाइयां बांटी गईं और शिक्षकों ने ढोल-नगाड़ों के साथ अपने विद्यार्थियों की सफलता का जश्न मनाया। बेटियों ने बेटों को परिणाम में पीछे छोड़ दिया। बेटियों ने 0.23 प्रतिशत के साथ बढ़त बनाई। बेटियों को कुल 98.55 और बेटों को 98.32 प्रतिशत रहा। आंकड़ों की नजर से परिणाम
- पंजीकृत विद्यार्थी: 22,531
- उत्तीर्ण विद्यार्थी: 22,178
- उत्तीर्ण प्रतिशत:98.43%
- पूरक परीक्षा देने वाले विद्यार्थी: 347
- परिणाम रोके गए: 6 विद्यार्थी
छात्र-छात्राओं के परिणाम पर एक नजर
छात्र वर्ग का परिणाम
- वर्ग संख्या
- छात्र 11622
- पास 11427
- सप्लीमेंट्री 193
- प्रतिशत 98.32
छात्रा वर्ग का परिणाम
- वर्ग संख्या
- छात्र 10909
- पास 10751
- सप्लीमेंट्री 154
- प्रतिशत 98.55
जिले के छात्र-छात्राओं की ग्रेड
ग्रेड छात्रों की संख्या
- ए 7234
- बी 12652
- सी 2289
- डी 03
- ई 347
विशेष बातें जो जाननी जरूरी
राजस्थान में पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए अधिगम मूल्यांकन परीक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा नहीं, बल्कि विद्यार्थियों की वास्तविक सीखने की क्षमता को परखना होता है। यह परिणाम सरकारी योजनाओं जैसे कि निपुण भारत मिशन की सफलता की ओर भी इशारा करता है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक बच्चे को कक्षा 3 तक बुनियादी साक्षरता और गणना में निपुण बनाना है। राजसमंद की बेटियों ने विज्ञान, गणित और भाषा विषयों में विशेष उत्कृष्टता दिखाई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि समावेशी शिक्षा की दिशा में भी जिले ने ठोस कदम उठाए हैं।