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नवाचार : प्रोजेक्ट श्रम संबल से श्रमिकों के बच्चों को मिला ‘आर्थिक संबल’ छात्र-छात्राओं के खिले चेहरे…पढ़े पूरी खबर

जिला प्रशासन की ओर से प्रोजेक्ट श्रम संबल के तहत जिले के 6455 बालक-बालिकाओं को 6 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति स्वीकृत कराई गई है, जबकि पिछले साल नाममात्र के बच्चों को छात्रवृत्ति मिली थी।

राजसमंदApr 27, 2025 / 11:30 am

himanshu dhawal

राजसमंद. जिले में प्रोजेक्ट श्रम संबल योजना के तहत 2024-25 में 6455 छात्र-छात्राओं को 6.07 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई है, जबकि पिछले साल 23-24 में मात्र 571 बच्चों को 53.06 लाख की छात्रवृत्ति स्वीकृत हुई थी। जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने शनिवार को डीओआईटी वीसी कक्ष में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि जिला प्रशासन की ओर से निर्धन, पात्र एवं जरूरतमंद श्रमिकों के जीवन में बेहतर बदलाव लाने की दृष्टि से एक अक्टूबर 2024 से प्रोजेक्ट श्रम सम्बल प्रारंभ किया गया था। अभियान के तहत राज्य सरकार के भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल की ओर से संचालित निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना में जिले के हर पात्र एवं वंचित निर्माण श्रमिक के बच्चों को योजना में जोड़ते हुए स्कॉलरशिप से लाभान्वित करने को प्राथमिक घटक के रूप में रखकर मिशन मोड पर कार्य किया गया। उन्होंने बताया कि दूसरे घटक के रूप में गत वर्षों में निरस्त 1100 श्रमिक काड्र्स के आवेदन लेकर पुन: जारी कर पात्र श्रमिकों को लाभान्वित करने का कार्य श्रम विभाग की ओर से किया गया। इसके कारण ही 2024-25 में 6455 छात्र-छात्राओं को 6.07 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति स्वीकृत हुई है। इस दौरान एडीएम नरेश बुनकर, जिला परिषद सीईओ ब्रजमोहन बैरवा, एसीर्इो सुमन अजमेरा और श्रम अधिकारी उमेश रायका आदि उपस्थित रहे।

मिशन मोड पर किया विभागों ने काम

शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग तथा श्रम विभाग के समन्वय से अभियान चलाया गया। शिक्षा विभाग ने हर पंचायत में सर्वप्रथम निर्माण श्रमिकों को चिन्हित कर उनके बच्चों के स्कॉलरशिप फॉर्म एकत्रित कर ग्राम पंचायत कार्यालयों में पहुंचाए। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने ग्राम पंचायतों के माध्यम से पात्र श्रमिकों को 90 दिन का कार्य प्रमाण पत्र तैयार कर फॉर्म संबंधित विद्यालय को पुन: लौटाए गए। शिक्षा विभाग ने नियुक्त नोडल छात्रवृति प्रभारी ने ई-मित्र पर आवेदन ऑनलाइन जमा करवाने में छात्र-छात्राओं का सहयोग किया। अंत में श्रम विभाग की ओर से ऑनलाइन प्राप्त प्रकरणों की अविलम्ब संवीक्षा कर स्वीकृति प्रदान की गई। जिला प्रशासन ने अब वर्ष 2025-26 की कार्य योजना पर काम करना शुरू कर दिया है।

पुस्तक का किया विमोचन

कलक्ट्रेट स्थित डीओआईटी वीसी कक्ष में शिक्षा विभाग की ओर से तैयार विद्यार्थियों में नेतृत्व कौशल पुस्तक का विमोचन भी किया गया। इस दौरान जिला कलक्टर, सीडीईओ मुकुट बिहारी शर्मा, डीईओ (प्रारम्भिक) राजेन्द्र गग्गड़, डीईओ (माध्यमिक) नूतन प्रकाश जोशी आदि उपस्थित रहे।

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