जिले में 852 स्थान करने है चिन्हित
अटल भू-जल योजना के तहत उक्त कार्य करवाए जाने हैं। इसके तहत जिले में 213 ग्राम पंचायत है। ऐसे में 852 स्थानों को चिन्हित किया जाना है। लेकिन अभी तक भू-जल सर्वेक्षण विभाग ने 622 स्थान चिन्हित किए हैं। शेष स्थान 31 मार्च तक चिन्हित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। विभाग की ओर से भामाशाहों, प्रवासियों और कॉपरेट सामाजिक जिम्मेदारी निधि (सीएसआर) से बातचीत कर उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें भामाशाह अपनी इच्छा के अनुसार 1.50 लाख तक रिचार्ज शॉफ्ट आदि का निर्माण करवा सकता है। यह है उद्देश्य
- जल संरक्षण और जल संचय के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना।
- जलवायु परिवर्तन के कारण जल संकट की गंभीरता को कम करना
- जल ोतों की स्थिरता और पुर्ननिर्माण के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देना
- वर्षा जल संचय को बढ़ावा देना और जल संकट से निपटने के उपाय लागू करना
- जन सहभागिता को सुनिश्चित करना और स्थानीय लोगों को सक्रिय रूप से शामिल करना
- अकार्यशील हैंडपंप, सूखे कुएं और नलकूप के माध्यम से भूजल पुर्नभरण को बढ़ावा देना
यह होगा लाभ
- गिरते भू-जल को रोकना, वर्षाजल का संग्रहण और पुनर्भरण एवं संरक्षण करना
- मृदा अपरदन को कम करना, बाढ़ और सूखे के प्रभाव को कम करना
- भविष्य के लिए भू-जल की उपलब्धता सुनिश्चित करना और प्रत्येक बूंद का सद्उपयोग करना।
स्थान चिन्हित करने का कार्य जारी, फिर करेंगे प्रेरित
जिले में कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के तहत स्थान चिन्हित किए जा रहे हैं। 31 मार्च तक सभी 852 स्थान चिन्हित करने के बाद भामाशाह और प्रवासियों से चर्चा कर निर्माण के लिए प्रेरित किया जाएगा।
- संदीप जैन, नोडल अधिकारी अटल भू-जल योजना राजसमंद