शिमला समझौते का अपमान: जंगबंदी का स्वागत होना चाहिए
नदवी ने जंगबंदी और सीजफायर का स्वागत किए जाने की बात की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यह कदम किसी तीसरे देश के कहने पर हुआ है, जो शिमला समझौते का अपमान है।
सांसद की राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से अपील
नदवी ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मांग की कि सेना का अपमान करने वाले नेताओं को तुरंत बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ नेता सुप्रीम कोर्ट और सेना का भी सम्मान नहीं करते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर और जम्मू-कश्मीर में हमले
नदवी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा का एक नेता ऑपरेशन सिंदूर का अपमान कर रहा है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा हमले भाजपा सरकार के दौरान हुए हैं। विपक्ष की विशेष सत्र की मांग और जेपीसी की आवश्यकता
इंडिया एलायंस और विपक्ष ने इस मुद्दे पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। नदवी ने जंग के आंकड़ों को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की भी मांग की। उनका सुझाव था कि इस पर मीडिया में चर्चा की बजाय कमेटी के स्तर पर बंद कमरे में विचार-विमर्श किया जा सकता है।