भोपाल में बैठक और रतलाम में सम्मेलन की योजना
नामली पहुंचने पर कांतिलाल भूरिया ने राजेश भरावा से पूरे मामले की जानकारी ली। भूरिया ने आश्वासन दिया कि कांग्रेस इस मुद्दे पर हरसंभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि भोपाल में शीघ्र ही वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में बैठक होगी, जिसमें इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इसके अलावा रतलाम में एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। भूरिया ने कहा कि आंदोलन करना लोकतंत्र में संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि रतलाम में होने वाले सम्मेलन में प्रदेश स्तरीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा। सम्मेलन में अधिकारियों को बताया जाएगा कि जनता की भावनाओं के खिलाफ जाकर किसी भी योजना को लागू करना गलत है।
जावरा विधायक की मुख्यमंत्री से मुलाकात
इस बीच, जावरा विधायक डॉ. राजेंद्र पांडे ने भी इस मामले में पहल की है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात कर स्थानीय जनभावनाओं के अनुरूप जरूरी कदम उठाने की मांग की। विधायक पांडे ने बताया कि वे लंबे समय से उज्जैन-जावरा ग्रीनफील्ड हाईवे में आंशिक संशोधन की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में वे लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह और एमपीआरडीसी के प्रबंध निदेशक से भी मिल चुके हैं।
डॉ. पांडे ने पहले ही जिला प्रशासन को संशोधन का प्रस्ताव भेज दिया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों की मांग को देखते हुए फोरलेन परियोजना में बदलाव जरूरी है।
तीन महीने से जारी है विरोध
उज्जैन-जावरा ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड फोरलेन परियोजना का स्थानीय किसान, व्यापारी और आमजन पिछले तीन महीनों से विरोध कर रहे हैं। इसके लिए जनसंघर्ष समिति का गठन किया गया है, जो लगातार आंदोलनरत है। समिति के प्रतिनिधियों ने सांसद और स्थानीय विधायकों से भी मुलाकात की है, लेकिन अब तक ठोस समाधान नहीं निकला है।
हाल ही में समिति ने उज्जैन में पैदल यात्रा और धरना देने की योजना बनाई थी। लेकिन यात्रा से पहले ही पुलिस ने आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राजेश भरावा सहित अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
मुख्यमंत्री का आश्वासन: नहीं होगा अन्याय
विधायक पांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आश्वस्त किया है कि ग्रीनफील्ड फोरलेन परियोजना से स्थानीय लोगों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने किसानों और व्यापारियों की समस्याओं पर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
आंदोलन जारी रखने का ऐलान
जनसंघर्ष समिति के सदस्यों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। समिति के अनुसार, सड़क मार्ग के निर्माण में संशोधन ही एकमात्र समाधान है। कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर स्थानीय जनता का समर्थन करते हुए बड़े आंदोलन का संकेत दिया है।