सत्यापन के बाद ही 18 प्लस आयु के व्यक्तियों के नए आधार कार्ड बन सकेंगे। इसके लिए एक पोर्टल तैयार किया गया है, जिसमें सभी प्रकरण आनलाइन तहसीलदारों के पास भेजे जाते हैं। मध्यप्रदेश में तहसीलदारों की अनदेखी के चलते 6920 लोगों के आधार कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। इसे लेकर यूआईडीएआई के परियोजना प्रबंधक निकेत दीवान ने आपत्ति जताई है।
नोडल अधिकारी (तहसीलदार) को भेजा जाएगा।
नई व्यवस्था के तहत 18 प्लस आयु वालों के आधार कार्ड बनाने के लिए एनआईसी ने सर्विस प्लस पोर्टल की सुविधा विकसित की है। आधार सेंटर में अगर कोई 18प्लस आयु का व्यक्ति नवीन आधार के लिए आवेदन देता है तो यह आवेदन उप जिला नोडल अधिकारी (तहसीलदार) को ऑनलाइन भेजा जाएगा। पोर्टल पर आने वाले आवेदन का सत्यापन तहसीलदार अपने स्तर पर करवाएंगे। इसमें लगाए गए सभी दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। अगर सब सही पाया जाता है तो इसे अनुमति दे देंगे। अगर संदिग्ध होता है तो वरिष्ठ नोडल अफसर को भेजेंगे। अगर गलत मिलता है तो इसे रिजेक्ट कर देंगे।
यह है स्थिति
सर्विस प्लस पोर्टल पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 6920 लोगों के आवेदन पड़े हुए हैं, जिन्हें तहसीलदार सत्यापित नहीं कर रहे हैं। इसमें 2117 आवेदन 3 माह से ज्यादा अवधि से पोर्टल में लंबित हैं तो 1303 आवेदन 30 दिन से ज्यादा अवधि के लंबित है। सबसे ज्यादा 765 आवेदन इंदौर में लंबित है। इसके बाद भोपाल में 466, जबलपुर में 415, अलीराजपुर में 272, बैतूल में 247, सागर में 245 आवेदन लंबित पड़े हैं।
यह है रीवा संभाग की स्थिति
सतना जिले में कुल 142 आवेदन लंबित हैं। इनमें 55 आवेदन 3 माह से ज्यादा और 36 आवेदन 30 दिन से ज्यादा अवधि से लंबित है। रीवा जिले में 174 आवेदन लंबित है। इनमें 78 आवेदन 3 माह से ज्यादा और 31 आवेदन 30 दिन से ज्यादा अवधि से लंबित है। सीधी जिले में 30 आवेदन जिसमें 8 आवेदन 3 माह से ज्यादा और 7 आवेदन 30 दिन से ज्यादा अवधि के लंबित है। सिंगरौली में 80 आवेदन लंबित है जिनमें 38 आवेदन 3 माह से ज्यादा और 14 आवेदन 30 दिन से ज्यादा अवधि से लंबित हैं।