चेतावनी दी है कि यदि किसी भी स्थिति में जर्जर भवनों में कक्षाएं संचालित पाई जाती हैं और कोई हादसा होता है तो उस स्कूल के शिक्षक से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) तक की जवाबदेही तय की जाएगी। इस संबंध में लोक शिक्षण के संयुक्त संचालक नीरव दीक्षित ने संभाग के रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली जिलों के डीईओ और परियोजना समन्वयकों को पत्र लिखकर ऐसे स्कूलों का चयन करने का निर्देश दिया है जिनके भवन जर्जर हालत में हैं।
स्कूलों का शुरू किया सर्वे
पत्र में संभागायुक्त के निर्देशों का भी हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने सख्ती के साथ कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। संभागायुक्त ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही पर शिक्षक से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी तक की भूमिका तय की जाएगी। संभागायुक्त की इस चेतावनी के तत्काल बाद ही लोक शिक्षण के संयुक्त संचालक ने पत्र लिखकर जर्जर भवनों का सर्वे कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है। साथ ही कक्षाओं के संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी बनाने के लिए निर्देशित किया।
बीते साल चार बच्चों की हुई थी मौत
बीते साल जिले के गढ़ कस्बे में संचालित एक निजी स्कूल के पास ही जर्जर भवन का स्ट्रक्चर मौजूद था। बारिश के चलते जिस समय बच्चों की छुट्टी हो रही थी, उसी समय वह गिर गया और चार बच्चे उसके नीचे दब गए। मौके पर ही बच्चों की मौत हो गई थी। इनमें तीन बच्चे एक ही परिवार के थे। हालांकि वह स्ट्रक्चर स्कूल भवन के बाहर रास्ते में था। इस कारण ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो, संभागायुक्त ने बरसात से पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है।
सुरक्षा से समझौता नहीं
जर्जर स्कूल भवनों में कक्षाओं का संचालन होने से खतरा बना रहता है। संभागायुक्त का निर्देश है कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। इस कारण सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को सर्वे कराकर जर्जर भवनों में कक्षाएं रोकने के लिए कहा है। इसकी आगे भी समीक्षा होगी।