मंडी के साथ-साथ शहर की सडक़ों पर भी बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है, लेकिन फिर भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं।
कुछ वर्ष पूर्व ट्रैक्टर-ट्रॉली में अनाज ढोते समय एक हादसा हुआ था, जिसमें दो हम्माल और चालक की मौत हो गई थी। जांच में पता चला था कि ट्रैक्टर का व्यवसायिक पंजीयन और बीमा नहीं था, जिससे किसी भी मृतक को क्लेम नहीं मिल पाया था। मंडी में चल रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली से भी यदि कोई हादसा होता है, तो कृषि कार्य उपयोग के लिए पंजीकृत ट्रैक्टर का व्यवसायिक उपयोग करने पर बीमा कंपनी क्लेम भी नहीं देगी।
ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का व्यवसायिक पंजीयन कराने के लिए पूर्व में ही पत्र जारी किया जा चुका है।
कमलेश सोनकर, सचिव, कृषि उपज मंडी, बीना