ऐसे आ रही परेशानी
बैंक व फाइनेंस कंपनी जब व्यक्ति को लोन देती हैं, तो उसके सभी दस्तावेजों का अवलोकन कराके वैरिफाई दस्तावेज मांगती है। यह सुविधा पोर्टल पर दी गई है, लेकिन सील, साइन को लेकर कई जगहों पर मामला अटक जाता है। एक निजी कंपनी से रजिस्ट्री के बाद मकान के लिए लोन लेने गए व्यक्ति ने बताया कि उसने संपदा-2 पोर्टल से रजिस्ट्री कराई थी, जिसकी कॉपी उसके मेल पर आई थी, इसे पासवर्ड से खोलकर प्रिंट लेकर कंपनी में लोन के लिए आवेदन किया, तो कंपनी ने सभी दस्तावेज वैरिफाइड मांगे थे, इसलिए उस व्यक्ति ने डिजिटल साइन की कॉपी भी जमा की, लेकिन कंपनी ने यह कहकर उसे अभी लोन देने से मना कर दिया कि वैरिफाइड में संबंधित अधिकारियों के दस्तखत व सील लगी चाहिए है। इसलिए अभी तक लोन का मामला अटक गया है। इसी प्रकार सांई धाम में रहने वाली एक महिला ने भी संपदा-2 से रजिस्ट्री कराई थी, जिनकी रजिस्ट्री भी डिजिटल साइन से मिली है। इसे समझने में अभी कंपनियों को भी समय लग रहा है कि कहीं कोई गलती लोन देने में उनसे न हो जाए।
जियो टैग लोकेशन भी आती है गलत
बरदौरा गांव के तहत आने वाली एक कॉलोनी में प्लाट की रजिस्ट्री कराने गए मनीष अग्निहोत्री ने बताया कि जब रजिस्ट्री के लिए जियो टैग से फोटो खींची गई तो बरदौरा गांव की जगह उनकी फोटो में प्रताप वार्ड की लोकेशन आई, जिससे उनकी संपदा-2 में रजिस्ट्री नहीं हो सकी। इसके बाद उन्होंने संपदा पोर्टल से रजिस्ट्री करानी पड़ी।
मान्य है रजिस्ट्री
संपदा-2 पोर्टल की रजिस्ट्री डिजिटल ही मिलती है, जो सभी जगह मान्य है। यदि कहीं ऐसी समस्या है तो उन्हें हो सकता है अभी जानकारी न हो। दूसरे शहरों में सुनने में आया है लेकिन यहां पर ऐसा मामला सामने नहीं आया है। – अभिषेक वर्मा, उप पंजीयक, बीना